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राह में रोड़ा:आरई-2 के लिए निगम 1500 परिवार से वसूल रहा 1-1 लाख रुपए बेटरमेंट टैक्स, लेकिन न कब्जे हटा रहा, न रोड बना रहा

इंदौरएक वर्ष पहले
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बिचौली से आरटीओ तक आरई-2 सड़क में पिपलिया बिचौली कांकड़ के अतिक्रमण सबसे बड़ी बाधा। - Money Bhaskar
बिचौली से आरटीओ तक आरई-2 सड़क में पिपलिया बिचौली कांकड़ के अतिक्रमण सबसे बड़ी बाधा।
  • सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त करने केंद्र से लेकर कोर्ट तक दे चुके आदेश

बिचौली से आरटीओ तक बनने वाली आरई-2 सड़क बनाने के लिए नगर निगम करीब 1500 परिवारों से एक-एक लाख रुपए बेटरमेंट टैक्स तो वसूल रहा है, लेकिन अब तक सड़क बनाना तो दूर यहां के अतिक्रमण भी नहीं हटा पाया है। अलबत्ता अफसरों के दौरे जारी हैं। इसके बावजूद सड़क निर्माण शुरू नहीं हाे रहा है।

निगम स्कीम 140 के परिवारों से सड़क बनाने के लिए बेटरमेंट टैक्स वसूल रहा है। जो लोग बेटरमेंट टैक्स नहीं दे रहे, उनके संपत्ति और जल सहित सभी कर होल्ड कर दिए जा रहे, जबकि 75 कॉलोनियों के लिए प्रमुख मार्ग साबित होने वाली इस सड़क को लेकर 15 साल से शिकायतें हो रही हैं, पर अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। यदि निगम यह सड़क बना देता है तो लाखों लोगों को ट्रैफिक जाम, एक्सीडेंट, गंदगी, अतिक्रमण से मुक्ति मिल सकती है।

आईएसबीटी और आरटीओ पहुंचने के लिए 3.7 किमी का हिस्सा अहम

रहवासी संघर्ष मोर्चा के प्रमुख अभिषेक भार्गव ने बताया आरई 2 का 3.7 किमी का पिपलिया बिचौली कांकड़ वाला हिस्सा अहम है। इस पर ही अतिक्रमण है। इसे हटाने के लिए केंद्र सरकार से लेकर हाई कोर्ट तक आदेश दे चुके हैं। यहां नया आरटीओ भवन बनने के बाद अब आईएसबीटी भी लगभग बन चुका है। फिर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सड़क में बाधक स्कीम 140 के पास बसी अवैध बस्ती के रहवासियों को नीलगिरि परिसर, दूधिया में विस्थापित किया जाना है। निगम ने बस्ती वालों को जुलाई 2021 में हटने के नोटिस दिए थे। उन्हें 3 महीने में नीलगिरि परिसर में शिफ्ट करना था।

पहले मास्टर प्लान में प्रस्ताव, 45 साल बाद भी अधूरी

  • सन् 1975 में बने इंदौर के प्रथम मास्टर प्लान में आरई-2 को प्रस्तावित किया गया था। निष्क्रिय अधिकारी 45 साल बाद भी इसे अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए।
  • नगर निगम 5 साल से अपने सालाना बजट में 100 करोड़ का प्रावधान इंदौर की इन सड़कों को बनाने के लिए कर रहा है।
  • सरकारी जमीन पर बसी बस्ती हटाने की घोषणा 4 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने की थी, पर कुछ नहीं हुआ।
  • अवैध बस्ती के विस्थापन को लेकर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को नगर निगम ने हमेशा झूठी जानकारी देकर बंद कर दिया।
  • चार साल पहले 2019 में आरई-2 सड़क के इस हिस्से का सर्वे, सीमांकन, टेंडर और वर्क ऑर्डर भी हो चुका है, लेकिन सारी फाइलें धूल खा रही हैं।
  • वर्ष 2020 में इंदौर हाई कोर्ट ने प्रशासन, आईडीए और निगम को सड़क की प्रोग्रेस रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन अधिकारी वर्षों से टाल रहे हैं।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना ने जुलाई 2021 में सूचना जारी कर अवैध बस्ती के दावे, आपत्ति का निराकरण भी कर दिया, फिर भी फाइल धूल खा रही है।

कब्जेधारियों को नीलगिरि में करना है शिफ्ट

  • केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रहवासियों की मांग पर कलेक्टर और निगम आयुक्त को सड़क बनाने के निर्देश दिए थे।
  • केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी अधिकारियों को निर्देश देकर नीलगिरि में कब्जेधारियों को शिफ्ट करने को कहा।
  • मुख्यमंत्री ने रहवासियों की 50 से अधिक शिकायतों पर संज्ञान लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सड़क निर्माण में जो भी बाधा है, उसे जल्द दूर किया जाएगा

बिचौली से आरटीओ तक आरई-2 सड़क में निर्माण में क्या समस्या है। इस बारे में निगम आयुक्त से जानकारी लेता हूं। यदि बस्ती वालों के लिए दूधिया में आवास आवंटित करना तय हो चुका है तो कार्रवाई तेज की जाएगी। आईएसबीटी, आरटीओ तक पहुंच मार्ग की जमीनी एवं तकनीकी सभी तरह की बाधाएं जल्द ही दूर कराएंगे। - डॉ. पवन शर्मा, संभाग आयुक्त एवं नगर निगम प्रशासक