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डाउनलोड करेंइंदौर से सटे किशनगंज में केमिकल से नकली पेट्रोल और डीजल बन रहा था। इसे चार साल से पेट्रोल-डीजल में मिलाकर बेचा जा रहा था। पुलिस ने शिवम इंडस्ट्रीज, सेक्टर पीथमपुर पर छापा मारकर यह खुलासा किया है। इंडस्ट्रीज के मैनेजर चंद्रप्रकाश पांडे और एक टैंकर ड्राइवर को गुरुवार गिरफ्तार किया है। नकली तेल से भरे 5 टैंकर भी जब्त किए हैं। यह गैंग मुंबई और गुजरात से केमिकल मंगवाती थी।
इंडस्ट्री का मालिक नकली तेल अपने पेट्रोल पंपों पर ही खपाता था। पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में उसके 13-14 से ज्यादा पेट्रोल पंप होने की जानकारी मिली है। उसने भारत पेट्रोलियम से एजेंसीज ले रखी हैं।
थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि एएसपी पुनीत गहलोत ने मिलावटखोरी की सूचना पर टीम गठित की थी। टीम ने किशनगंज में महू रोड स्थित एमपी मुंबई ऑटो पेट्रोल-डीजल पंप पर दबिश दी। यहां एक टैंकर अनलोड होते हुए मिला। टैंकर ड्राइवर सुरेश कुशवाहा ने पूछताछ में सारा राज उगल दिया। इसके बाद शिवम इंडस्ट्रीज पीथमपुर में दबिश देकर मैनेजर को पकड़ा गया। इंडस्ट्रीज और पेट्रोल पंप मालिक विजय कुमार मूंदड़ा व एमपी मुंबई ऑटो पेट्रोल-डीजल पंप का मैनेजर राकेश अग्रवाल फरार हैं। इन्हें करोड़ों का फायदा हुआ था। गुरुवार को भी कार्रवाई चल रही है। इसके इंदौर, उज्जैन और ग्रामीण इलाकों में 13 से 14 पेट्रोल पंप हैं। ज्यादातर हाइवे पर इनके पंप हैं।
ऐसे बनाते थे नकली पेट्रोल-डीजल
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि इंडस्ट्रीज में मुंबई और हजीरा (गुजरात) से फ्यूल ऑयल, मिक्सड हैक्जिन, C-09, पैंटेन और रबर प्रोसेस केमिकल मंगाए जाते हैं। कीटनाशक बनाने के नाम पर मुंबई और गुजरात से यह केमिकल मंगवाए जाते थे। इनको अलग-अलग अनुपात में मिक्सचर मशीन से मिलाते हैं। मिक्स होने के बाद यह हूबहू पेट्रोल और डीजल की तरह दिखता है। यह नकली पेट्रोल शिवम इंडस्ट्रीज लो फ्लेस ऑयल कहकर बेचती है। डीजल की जगह प्रयोग हो सकने वाला मिक्सचर रबर प्रोसेस ऑयल कहलाता है। इसके अलावा पेस्टिसाइड कम्पनीज के काम आने वाला मिक्सचर मिक्स C-09 के नाम से बनता है।केमिकल पेट्रोल-डीजल की लागत अभी स्पष्ट नहीं है।
बॉयलर गरम करने व फर्निस फ्यूल के नाम पर लाइसेंस
शिवम इंडस्ट्रीज के मालिक ने लाइसेंस यह बताकर लिया था कि यह मिक्सचर कंस्ट्रक्शन और मेन्यूफैक्चरिंग यूनिट के बॉयलर गरम करने व फर्निस फ्यूल के रूप में बेचा जाएगा। लेकिन, वह इससे नकली पेट्रोल-डीजल बनाता रहा। पुलिस दूसरे पेट्रोल पंप मालिकों से उसकी मिलीभगत के एंगल से भी जांच कर रही है। फैक्ट्री में हजारों लीटर क्षमता के दर्जनभर से अधिक टैंक जमीन के ऊपर और नीचे मिले हैं।
आरोपी और उनकी भूमिका
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