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डाउनलोड करेंशुक्रवार को JEE एडवांस्ड 2021 का रिजल्ट जारी किया गया। आईआईटी खड़गपुर ने 3 अक्टूबर को जेईई एडवांस्ड करवाई थी। इसकी आंसर की 10 अक्टूबर को जारी की गई थी, जबकि शुक्रवार को फाइनल आंसर की रिजल्ट के साथ जारी की गई। इसमें भोपाल के यश विरानी की 37वीं और इंदौर के अंतरिक्ष गुप्ता की 130वीं ऑल इंडिया रैंक लगी है। अंतरिक्ष की मानें, तो वह पिछले ढाई साल से इसकी तैयारी कर रहे हैं। वे बीटेक फील्ड में आगे जाना चाहते हैं।
अंतरिक्ष 17 साल के हैं और चोइथराम क्षेत्र में रहते हैं। उनके पिता लखनलाल गुप्ता चोइथराम स्कूल में गणित के टीचर हैं, जबकि मां अपर्णा एक सरकारी स्कूल में विज्ञान की टीचर हैं। बड़ी बहन आस्था गुप्ता कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं। अंतरिक्ष ने बताया कि वह ढाई साल से तैयारी कर रहे थे। हालांकि कोरोना के कारण थोड़ा लेट हो गए हैं।
रोजाना 9 से 10 घंटे पढ़ाई
अंतरिक्ष ने बताया कि वे 9 से 10 घंटे तक पढ़ाई करते थे। इसके साथ ही परिवार का भी सहयोग मिला। कोशिश करते थे कि लगातार 3 घंटे एक ही जगह बैठकर पढ़ें। क्योंकि परीक्षा में भी तीन घंटे बैठना पड़ता है। उन्होंने बताया कि 11वीं-12वीं छत्रपति शिवाजी पब्लिक स्कूल से की, जबकि इसके पहले वे चोइथराम स्कूल में पढ़े।
अंतरिक्ष बोले- टीचर्स की बात सुनें
उन्होंने अन्य छात्रों को सुझाव दिया कि वे टीचर्स की बात सुनें और मेहनत करते रहें। इसके साथ ही अपने कमजोर पाइंट पर काम करें और खुद का एनालिसिस करते रहें, ताकि खुद को मजबूत बनाने और कमजोरियों को दूर किया जा सके। वे बोले- पढ़ाई के दौरान कुछ भी डाउट्स होने पर वे पिता या टीचर्स से पूछते थे। डाउट्स में नहीं जीना चाहिए, उससे तुरंत दूर कर लेना चाहिए। वहीं, परीक्षा को लेकर परिवार का भी सहयोग मिला, जिससे तैयारी करने में दिक्कत नहीं हुई।
बीटेक फील्ड में जाना चाहते हैं
अंतरिक्ष ने कहा कि फिलहाल आगे का कुछ सोचा नहीं है कि आगे क्या बनना है, लेकिन वे बीटेक फील्ड में आगे जाना चाहते हैं। मगर, अभी सोचा नहीं कि कौन सी ब्रांच में जाना है। जितना अच्छा कॉलेज मिल सके, उतना अच्छा है। बाहर का भी अच्छा कॉलेज मिलता है, तो वे वहां जाकर पढ़ाई करेंगे। उन्होंने बताया JEE मेन्स में ऑल इंडिया 81 रैंक लगी थी। जिसका रिजल्ट 15 सितंबर को घोषित किया गया था। वहीं, 11वीं किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में उनकी ऑल इंडिया 48 रैंक रही थी।
परिवार ने रखा पूरा ध्यान
अंतरिक्ष के पिता लखनलाल गुप्ता ने बताया कि बेटे की 130 वीं रैंक लगने पर अच्छा लग रहा है। हालांकि जैसी तैयारी थी उस हिसाब से अच्छा किया है, लेकिन ओर भी अच्छा कर सकता था। मगर कुछ प्रश्न सही नहीं हो पाए इसलिए रैंक कम हुई है। आगे अंतरिक्ष आगे किसी आईआईटी कॉलेज में एडमिशन लेकर बीटेक की डिग्री लेगा। वहां से जो आगे पढ़ना चाहे वह स्वतंत्र है। परीक्षा के लिए परिवार का पूरा सहयोग रहा। अंतरिक्ष को पढ़ाई में कोई दिक्कत ना हो इसका पूरा ध्यान रखते थे।
यश बोला- पिता को खोने के बाद संभला; पढ़ाई के सिवा किसी पर ध्यान नहीं
भोपाल के यश विरानी ने ऑल इंडिया रैंक 37वीं रैंक हासिल की है। यह मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और यूपी में सबसे ज्यादा नंबर यश को मिले हैं। यश ने 24 घंटे में 18 घंटे तक पढ़ाई की। पिता को दिल का दौरा पढ़ने से मौत हो गई। वह पढ़ाई इतना करता था कि कोई उसका चेहरा तक नहीं देख पाता था।
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