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डाउनलोड करेंइटारसी में ट्रैक से गुजरती ट्रेन के साथ वीडियो शूटिंग के दौरान जान गंवाने वाले संजू चौरे (22) के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उसने पांच महीने पहले भी इसी तरह का वीडियो बनवाया था। इस बार भी उसी दोस्त के साथ ट्रेन के और करीब से वीडियो बनवाने पहुंचा था।
दैनिक भास्कर इस दिल दहला देने वाली घटना की वजह जानने के लिए संजू के गांव पांजरा कलां पहुंचा। इसका मकसद यह है कि युवाओं में जागरूकता आए, ताकि वह सोशल मीडिया पर लाइक्स और कमेंट के चक्कर में अपनी जिंदगी दांव पर न लगाएं। भास्कर रिपोर्टर ने संजू की मौत का आखिरी वीडियो बनाने वाले उसके नाबालिग दोस्त से बात की। जानना चाहा कि संजू में इतना कॉन्फिडेंस कैसे आ गया कि वह 100 की स्पीड से चल रही ट्रेन के करीब से वीडियो शूट कराने पहुंच गया। संजू के दोस्त से जानिए घटना के पीछे की कहानी…
मैं 21 नवंबर को दोपहर 3.30 बजे संजू भैया के साथ इटारसी गया था। वहां से संजू भैया बोले- चल थोड़ा घूमकर आते हैं। वे पथरौटा से आगे बैतूल रोड पर रेलवे की पुलिया के पास ले गए। बाइक से उतरकर हम दोनों रेलवे ट्रैक से थोड़ी दूर बैठ करीब 10 से 15 मिनट बातचीत की। कुछ देर बाद वे ट्रेन के साइड से चलते हुए वाला वीडियो शूट करवाने लगे।
5 महीने पहले भी भैया ने मुझसे होशंगाबाद में नर्मदा पुल पर ट्रेन साइड से निकलने वाला वीडियो शूट कराया था। तब आसानी से वीडियो बन गया था। यही सोचकर भैया ने दोबारा वीडियो बनवाने मुझे खड़ा कर दिया। कुछ देर बाद ट्रेन आते दिखाई दी। भैया ट्रैक के किनारे खड़े हो गए और मैं वीडियो बनाने के लिए तैयार था। ट्रेन पास आती देख मैंने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। ट्रेन कुछ सेकेंड में ही भैया को दूर फेंकते हुए चली गई। मैं घबरा गया। डायल 100 और गांव में भूपेंद्र, रितिक भैया को कॉल कर घटना बताई। कुछ ही देर में पुलिस और गांव से भैया लोग आ गए। वे संजू भैया को उठाकर गाड़ी में बैठाकर अस्पताल रवाना हुए। उनकी मौत का सुनने के बाद से ही डरा हुआ हूं। दो-तीन रात तक नींद नहीं आई।
(नोट- वीडियो बनाने वाला नाबालिग है, इसलिए उसका नाम नहीं दिया जा रहा है)
परिवार ने कहा- फोटो-वीडियो का नहीं था शौक
मृतक के घर के आसपास सन्नाटा पसरा हुआ मिला। पिता कृष्णकुमार और चाचा घर के आंगन में बैठे थे। कृष्णकुमार ने कहा मेरे तीन बेटों में संजू बड़ा था। रितिक और सचिन उससे छोटे हैं। हमारे पास 4 एकड़ खेती है। हर साल खेत सिगमी देते थे, लेकिन इस साल संजू ने खुद खेती करने का मन बनाया। लोन लेकर खेत में ट्यूबवेल कराया और गेहूं की फसल बोई। कुछ दिन पहले ही उसने यूरिया और खाद लाकर भी रख दिया था। पिता का कहना है कि संजू ने वीडियो-फोटो बनवाने का शौक नहीं था। वह 21 नवंबर के दिन बगैर बताए घर से निकला था। छोटे भाई सचिन को 4.30 बजे मोबाइल कॉल पर बताया था कि अभी इटारसी में हूं। रात 8 बजे तक आ जाऊंगा, लेकिन कुछ देर बाद ही हादसे की खबर मिल गई।
ऑनलाइन क्लास की वजह से हर बच्चे के पास मोबाइल, माता-पिता को करेंगे जागरूक
संजू की मौत के बाद से गांव के लोग भयभीत हैं। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर अलर्ट हैं। पूर्व सरपंच मनोज चौरे ने कहा गांव के लिए यह बड़ी घटना है। ऑनलाइन क्लास के कारण कई बच्चों के पास मोबाइल है। हर माता-पिता को जागरूक करेंगे कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और समय-समय पर मोबाइल चेक करें, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।
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