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डाउनलोड करेंकरवा चौथ का व्रत कर पति की लंबी आयु की कामना करने वाली सुहागिनों ने चांद देख व्रत खोला। भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी ने भी करवा चौथ मनाया। CM ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- प्रेम, सम्मान और सामंजस्य से ही परिवार चलता है। यही भाव आत्मसुख प्रदान कर परिवार की प्रगति एवं उन्नति का मार्ग सुगम बनाता है। आज करवा चौथ के शुभ अवसर पर आप सभी अपने जीवनसाथी एवं परिवार के अन्य सदस्यों को साथ लेकर चलने का संकल्प लीजिए। आपका यह छोटा-सा प्रयास आपके साथ आपके बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान कर उनके भी आनंदमय जीवन का आधार बनेगा।
इधर, ग्वालियर में रात 8.30 बजे चांद नजर आ गया है। चांद के आसमान में दिखते ही सुहागिन महिलाओं ने चांद को अर्घ्य देकर पूजा की। सुहाग की लंबी उम्र की कामना की। इसके बाद व्रत खोला है। शहर में कई मंदिरों में सामूहिक करवाचौथ पूजन हुआ। इसके बाद चांद नजर आने पर एक साथ अर्घ्य दिया गया। कुछ क्लब और सोसायटी में भी करवा चौथ के आयोजन किए गए।
करवाचौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को पति की दीर्घायु, सुख समृद्धि एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। अविवाहित कन्या मनचाहा या श्रेष्ठ वर पाने के लिए भी इस व्रत को रखती हैं। रविवार को चंद्रोदय का समय रात 8.09 बजे का था, पर आसमान में चांद 8.30 बजे नजर आया। चंद्रदेव को अर्घ्य देना और उनकी आराधना करना इस व्रत का एक महत्वपूर्ण भाग है। करवा चौथ के दिन सुबह से महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद और पति के हाथों से पानी पीकर यह व्रत पूरा होता है। रात 8.30 बजे जैसे ही आकाश में चांद नजर आया सुहागिन महिलाओं ने छलनी में से चांद को देखा और फिर उसी छलनी में से अपने-अपने पतियों का चेहरा देखकर व्रत पूरा किया।
इसलिए दिया जाता है चांद को अर्घ्य
मान्यताओं के अनुसार चंद्र देव को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है। इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और पति की आयु भी लंबी होती है। पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की आराधना करने और अर्घ्य देने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दीर्घ आयु प्राप्त होती है।
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