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डाउनलोड करेंतीसरी लहर में एक्टिव मरीजों की संख्या एक दिन पहले तक 3553 थी जो रविवार को और बढ़ गई। रोज 80-90 अर्थात सर्वाधिक मरीज डीडीनगर, शताब्दीपुरम, आदित्यनगर, महाराजपुरा में निकल रहे हैं इसके बाद भी वहां न कंटेनमेंट बने हैं न बैरीकेटिंगहुई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रविवार शाम को इंसीडेंट कमांडरों की बैठक ली।
इसमें अफसरों ने साफ कहा कि निगम व लोक निर्माण विभाग में तालमेल पहले जैसा नहीं है। इसी कारण यह स्थिति बन रही है। इसके बाद कलेक्टर ने निगम व लोक निर्माण अफसरों से बात की और कहा कि ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संक्रमण रोकने के लिए यह सब करना ही होगा।
कलेक्टर ने कहा कि जिन गली-मोहल्लों में मरीज ज्यादा मिल रहे हैं वहां बैरिकेटिंग कराएं और कंटेनमेंट जोन भी बनाएं। उन्होंने इंसीडेंट कमांडर व तहसीलदार कुलदीप दुबे ने कहा, डीडीनगर, शताब्दीपुरम, आदित्यपुरम, महाराजपुरा क्षेत्र में रोज 80-90 मरीज मिल रहे हैं।
इंसीडेंट कमांडर व एसडीएम प्रदीप सिंह तोमर ने गंभीर मरीजोंं को लेकर कहा कि डॉक्टर उनसे बात नहीं कर रहे हैं। कौन गंभीर है कौन नहीं ? यह तो डॉक्टर ही ज्यादा समझ सकते हैं। स्मार्ट सिटी की सीईओ जयति सिंह ने भी मरीजों को लेकर आ रही परेशानी बताई। बैठक के अंत में तय हुआ कि रविवार शाम से ही बैरिकेडिंग व कंटेनमेंट जोन बनाने की प्रक्रिया चालू होगी।
सारे कमांडर रोज रात 8 बजे पहले की तरह समीक्षा करेंगे। जहां जरूरी होगी वहां फ्लेक्स लगवाएंगे। कलेक्टर ने कहा कि एसडीएम बैरिकेडिंग के काम में असहयोग करने वाले जेडओ व लोक निर्माण के स्टाफ के खिलाफ वे आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करें। डॉक्टर मरीजों से बात कर साफ करें किसे अस्पताल भेजना है और किसे होम आइसोलेशन में।
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