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डाउनलोड करेंयह खबर विचलित करने के साथ ही सतर्क करने वाली भी है। मध्यप्रदेश का कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जहां सुबह कचरा गाड़ियां गली-गली नहीं आती हों। आवाज सुनते ही बच्चे भी दौड़कर बाहर आते हैं। ग्वालियर में इसी कचरा गाड़ी के ड्राइवर की लापरवाही और सतर्कता की कमी से एक बच्ची की जान चली गई। बच्ची घर के सामने खड़ी हुई कचरा गाड़ी के सामने अचानक आ गई और ड्राइवर ने उसे देखा ही नहीं। उसने सीधे गाड़ी आगे बढ़ा दी और यह हादसा हो गया। मां की गोद में ही कुछ देर तड़पने के बाद मासूम की जान निकल गई।
घटना कैलाश टॉकीज गंगवाल कोठी के पास की है। कचरा फेंकने आई मां के पीछे-पीछे अंशुल अग्रवाल की 2 साल की बेटी कायु अग्रवाल भी आ गई थी। ड्राइवर को साइड में खड़ी बच्ची दिखी नहीं और उसने गाड़ी आगे बढ़ा दी। पहला पहिया, फिर पिछला पहिया बच्ची के ऊपर से गुजर गया।
हादसा पास की बिल्डिंग में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गया। ड्राइवर को लगा कि कुछ पहिए के नीचे आया है, उसने गाड़ी को रोका, लेकिन तब तक पिछला पहिया भी उसके ऊपर से गुजर गया। गाड़ी को रोककर ड्राइवर युसूफ खान ने बच्ची को उठाकर उसकी मां की गोद में दे दिया और गाड़ी लेकर भाग निकला।
कुछ देर फड़फड़ाए हाथ-पैर, फिर हो गई शांत
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। बच्ची की मां नेहा अग्रवाल उसे गोद में लेकर अस्पताल के लिए दौड़ी। कायु तड़प रही थी और जोर-जोर से अपने हाथ-पैर फड़फड़ा रही थी। कुछ देर बाद वह शांत हो गई। परिजन उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे, पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मां को मलाल, काश! बेटी पर ध्यान रहता...
घटना के समय गाड़ी तेज रफ्तार में नहीं थी, बस कमी थी तो सतर्कता की। बच्ची की मां नेहा जब कचरा फेंकने आई तो उनकी बेटी भी साथ आ गई। कचरा डालने के बाद उन्हें बच्ची नहीं दिखी। ड्राइवर भी पीछे देख रहा था। जैसे ही उसने गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ाई हादसा हो गया। नेहा को यही मलाल है कि काश वह अपनी बच्ची पर ध्यान रखती तो यह हादसा नहीं होता।
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