पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंबिजली कंपनी के मनमाने बिलों से आहत उपभोक्ता, न सुनवाई न समाधान
3 कमरों का एक मंजिला मकान, वह भी छह महीने से बंद। गृहस्वामी ने कहा कि मेरा बिजली कनेक्शन काट दिया जाए। बिजली कंपनी के उपमहाप्रबंधक ने नवंबर 5 अगस्त को ही आवेदन पर टीप लगा दी कि कनेक्शन काटा जाए। लेकिन बिल अनवरत जारी है। उपभोक्ता तब हैरत में पड़ गया जब उसे अक्टूबर महीने में 30 हजार का बिजली बिल थमा दिया गया। जब वह कंपनी के दफ्तर पहुंचा तो कर्मचारियों ने बाेल दिया कि बिल तो भरना पड़ेगा। यह परेशानी मुरारीलाल पुत्र रामसिंह रजक की नहीं बल्कि उनके जैसे सैकड़ों उपभोक्ताओं की हैं, बिजली कंपनी के बेतहाशा बिलों की मार से आहत हैं।
शहर के गणेशपुरा मोहल्ले में मॉडल स्कूल के सामने रहने वाले मुरारीलाल पुत्र रामसिहं रजक का मकान 6 महीने से निर्माणाधीन है। 2 अगस्त को मुरारीलाल ने लिखित आवेदन देकर कनेक्शन काटने को कहा। मीटर रीडर व लाइनमैन ने चेक रिपोर्ट लगाई ता बिजली कंपनी के डीई ने टीप लगाकर कनेक्शन काटने के लिए बोल दिया। लेकिन बिल अनवरत जारी रहा। नवंबर महीने में ही मुरारीलाल को अक्टूबर महीने में 30 हजार का बिल दे दिया और उनका कुल बकाया बढ़कर 42 हजार हो गया। 5 महीने से मुरारीलाल का बेटा बिजली कंपनी के चक्कर काट रहा है। बिल का समाधन तो छोडिए अभी तक कनेक्शन भी नहीं काटा जा सका है।
\शहर के गणेशपुरा में ही रहने वाले रामू पत्र बलराम प्रजापति मजदूरी करत हैं। 3 कमरों के मकान का बिल उन्हें 52 हजार दिया गया है। बिल की राशि देखकर रामू प्रजापति के पसीने छूट गए। बकौल राजू दिाहाड़ी मजदूरी 500 रुपए के हिसाब से महीने बमुश्किल 10 से 12 हजार मिलती है। बिजली बिल अगर 15 हजार जमा कर देंगे तो बच्चों को पढ़ाएंगे-लिखाएंगे कहा से।
भोलेनाथ कॉलोनी में रहने वाले रामलखन पुत्र छिद्दीलाल का दो कमरों का मकान है और छत पर टीनशेड डली हुई है। रामलखन कनेक्शन नंबर एन-2401012310 का जनवरी महीने का बिल जब घर पहुंचा तो रामलखन के होश उड़ गए। उसने जब बिल चेक किया तो उसे दिसंबर महीने में 1 लाख 28 हजार 170 रुपए बिल थमाया गया। इसमें पुरानी राशि जोड़कर कुल बिल 1 लाख 83 हजार 388 रुपए कर दिया गया। अपने बिल की कॉपी लेकर पीड़ित बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचा तो कंपनी के अफसरों ने उससे कह दिया कि आवेदन दे जाओ, लाइनमैन से लोड चेक करा लेंगे।
लॉकडाउन में लोड के साथ बिल की राशि भी बढ़ाई
वर्ष 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद बिजली कंपनी ने बिलों का वितरण बंद कर दिया। इधर लोग भी काम-धंधा बंद होने के बाद अपने घरों में बैठ गए। इसी दौरान कंपनी के भोपाल ऑफिस से ऑटोमैटिक सॉफ्टवेयर से बिल जनरेट हुए तो उसमें 100 वाट के बिल 1500 वाट में तब्दील हो गए। इसका असर यह हुआ कि 1 हजार से 1200 रुपए तक के बिल 1500 से 2000 रुपए तक और 2 हजार से 2500 रुपए के बिल 3 हजार से 3500 रुपए में कन्वर्ट हो गए।
6 महीने तक बढ़े हुए बिलों की राशि सॉफ्टवेयर में अपडेट हो गई। इसकी वजह से उपभोक्ता मैन्युअली अपना बिल कम करवा लेते हैं लेकिन स्पॉट बिलिंग में सॉफ्टवेयर पुरानी खपत के आधार पर बढ़ी हुई राशि के बिल जनरेट कर रहा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.