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डाउनलोड करेंहर घर की रसोई का मुख्य अंग दालों के दामों में इन दिनों 10 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। दामों में गिरावट आने से मध्यम वर्गीय परिवाराें ने कुछ हद तक राहत की सांस मिली है। शादियों का सीजन शुरू होने पर दालों के दामों में तेजी से उछाल आ गया था।
इससे मध्यम वर्गीय परिवारों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। लेकिन मूंग, अरहर, उड़द, मसूर और चना दालों की मांग में कमी आने पर अब दामों में कमी आई है। एक माह पहले मूंग की दाल 100 रुपए किलो थी, जो घटकर 90 रुपए किलो बिक रही थी।
अरहर दाल 100 रुपए किलो थी, जो घटकर 90 रुपए किलो हो गई, उड़द दाल 90 रुपए किलो थी जो 90 रुपए किलो हो गई, मसूर दाल 100 रुपए थी जो घटकर 95 रुपए हो गई और चना दाल 70 रुपए किलो बिक रही थी, अब उसके दाम 60 रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
दाम में गिरावट से जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा
छतरपुर निवासी गृहिणी मीना खरे कहती हैं कि रसोई में उपयोग होने वाली हर वस्तु के दाम आसमान छूने लगे हैं, लेकिन अब दालों के दामों में गिरावट आई है तो अच्छा महसूस हो रहा है। जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा। सरकार को रसोई में उपयोग होने वाली एवं खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी लानी चाहिए।
किराना दुकानदार कमलेश गुप्ता ने बताया कि किसी भी वस्तु के दाम उसकी बिक्री पर एवं आवक पर निर्भर होते हैं। इस समय दालों की बिक्री कम गई है। मांग घटने से इनके भाव भी गिरे हैं।
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