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फ्लाईओवर का निर्माण से पहले ही विरोध और समर्थन:रहवासियों ने जताया विरोध, सांसद वीडी शर्मा को सौंपा ज्ञापन

छतरपुर (मध्य प्रदेश)2 महीने पहले
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छतरपुर में प्रस्तावित फ्लाई ओवर का डिजाइन भी तैयार नहीं हुआ और इसके निर्माण को लेकर समर्थन और विरोध के स्वर खड़े होने लगे। शहर के जवाहर रोड, नौगांव रोड, महोबा रोड को समेटते हुए मूलत: बस स्टैंड के हिस्से पर निर्मित होने वाले इस फ्लाई ओवर की ठीक-ठीक कल्पना को समझे बगैर ही इस इलाके में रहने वाले कई व्यापारी और स्थानीय निवासी इसके विरोध को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। विरोध करने वाले लोगों ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए इस फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य को रोकने की मांग कर डाली।

विरोध में उतरे लोगों ने वीडी शर्मा से कहा

बीते रोज छतरपुर में एक आयोजन में शामिल हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए स्थानीय निवासियों ने कहा कि इस फ्लाईओवर की मांग न तो जनता द्वारा की गई और न ही सत्ता और विपक्ष के द्वारा मांग की गई अपितु शासकीय कर्मचारियो की सलाह पर बिना जनता एवं जनप्रतिनिधियों की सलाह लिये फ्लाईओवर दे दिया गया। छतरपुर की जनता ने रिंग रोड की मांग की थी न कि फ्लाईओवर की। शहर का बस स्टैण्ड जिसमें हमेशा जाम की स्थिति बनती है उसको अन्यत्र बनाने के संकल्प के बावजूद नये बस स्टैण्ड का धरातल पर कोई काम नही हुआ है जबकि बस स्टैण्ड पर रोजाना बसों का संचालन हो रहा है।

केंद्रीय सय़क परिवहन मंत्री ने सागर-कानपुर फोर लेन की सौगात दी थी उसी में चौका से चंद्रपुरा बाइपास निर्माण की स्वीकृति दी है। जिससे शहर में जाम की स्थिति समाप्त हो जाएगी। शहर में जनता द्वारा किये गये विशाल आंदोलन के बाद चार वर्ष पूर्व 2018 में मेडीकल कॉलेज मिला जो विभिन्न कारणों से आज तक नहीं बन पाया है।

यूनिवर्सिटी की घोषणा 2009 में हुई थी जिसके लिए 418 एकड जमीन का आवंटन किया गया किन्तु यूनिवर्सिटी स्वयं का अस्तित्व बना नहीं पाई अपितु 150 वर्ष पुराने महाराजा कॉलेज का अस्तित्व यूनिवर्सिटी को बचाने में लग गया। एनटीपीसी की सौगात 2012-2013 में जिले को मिली थी लेकिन आज तक एनटीपीसी का अस्तित्व धरातल पर नहीं हुआ। जिले से नर्सिंग कॉलेज, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, स्पीड पोस्ट कार्यालय, पर्यटन कार्यालय आदि कई कार्यालय छतरपुर से स्थानांतरित कर दिए गए।

तो क्या फ्लाई ओवर पर भी लग जाएगा ग्रहण?

छतरपुर में पहले ही लगभग आधा दर्जन बड़ी विकास की परियोजनाओं पर ग्रहण लगा हुआ है। वर्ष 2018 में स्वीकृत हुआ छतरपुर का मेडिकल कॉलेज कानूनी पचड़े में उलझ गया है। सरकार ने महाराजा कॉलेज को ही विश्वविद्यालय कहकर हमें झुनझुना पकड़ा दिया है। सोलर पावर प्लांट, वुडन क्लस्टर, जटाशंकर मंदिर का रोप वे, आईएसबीटी बस स्टेण्ड, रिंग रोड, बस स्टेण्ड क्षेत्र में मौजूद सरायं कॉॅम्पलेक्स जैसे काम वर्षों से अटके पड़े हैं और इनका भविष्य अब खतरे में है।

स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने नितिन गडकरी द्वारा छतरपुर को प्रदान किए गए फ्लाई ओवर का श्रेय लेकर इसका स्वागत किया था। अब फ्लाई ओवर के निर्माण को लेकर भी जब विरोध के स्वर गहराने लगे तब इसका निर्माण अटक सकता है।

फ्लाई ओवर से नुकसान कम, फायदा ज्यादा

दरअसल इस फ्लाई ओवर का विरोध करने वाले लोगों को अब तक सिर्फ यही समझ में आ रहा है कि जवाहर रोड पर आकाशवाणी तिराहे से लेकर महोबा रोड तक सड़क के ऊपरी हिस्से में यह फ्लाई ओवर बनाया जाना है जिससे कि नीचे की सड़क के दोनों तरफ रहने वाले लोगों की संपत्तियों के दाम और उनकी अहमियत घट जाएगी। इसी वजह से स्थानीय लोग इस फ्लाई ओवर का विरोध कर रहे हैं।

हालांकि फ्लाई ओवर का निर्माण इस तरह से नहीं होना है। फ्लाई ओवर का निर्माण करने वाली संस्था एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक एमके पटेल ने बताया कि उक्त फ्लाई ओवर की कुल लंबाई 760 मीटर है जो कि शहर के व्यस्ततम बस स्टेण्ड के ओवरब्रिज तिराहे के रूप में निर्मित होना है। बस स्टेण्ड के बीचोंबीच से एक पिलर के जरिये 40 मीटर व्यास का तिराहा निर्मित किया जाएगा और इसी तिराहे से 240 मीटर लंबाई वाली तीन सड़कें आकाशवाणी तिराहे, नौगांव रोड और महोबा रोड की तरफ उतारीं जाएंगी। इस फ्लाई ओवर के निर्माण से ट्रकों, बाहर से निकलने वाले चार पहिया वाहन चालकों को बगैर बस स्टेण्ड में घुसे इस ओवरब्रिज के जरिये तीनों हाइवे पर आसानी से जाने की सुविधा हो जाएगी।

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