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डाउनलोड करेंकेन बेतवा लिंक परियोजना से विस्थापित होने वाले ग्रामीणों को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक और संगठित करने के लिए 26 से 31 जनवरी तक 6 दिवसीय तिरंगा पद यात्रा जारी है। इस पदयात्रा के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विस्थापन और पुनर्वास के संबंध में अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। यात्रा संयोजक जमुना ओमरे ने बताया कि यात्रा 26 जनवरी को ढोड़न से शुरू हुई यह यात्रा पलकौहा पहुंची। 28 को केन नदी पार कर खरयानी, मैनारी से बृजपुरा पहुंची। 29 को यात्रा नरौली, पाठापुर, डुगरिया हाेते हुए कदवारा पहुंचेगी।
30 को कुपी शाहपुरा, बसुधा, घुघरी से होते हुए भौरखुआ में रात्रि विश्राम होगा। 31 को पद यात्रा सुकवाहा पहुंचेगी। जहां प्रभावितों की महापंचायत होगी। महापंचायत के बाद सांकेतिक जल सत्याग्रह किया जाएगा। यात्रा के सह संयोजक ब्रजेन्द्र मिश्रा और पलकौहा के जगन्नाथ यादव ने बताया कि ग्रामीणों पर आए संकट से निदान के लिए यात्रा निकाली जा रही है। इसलिए यात्रा को जन समर्थन मिल रहा है। यात्रा के नेतृत्वकर्ता अमित भटनागर ने बताया कि केन बेतवा लिंक प्रभावितों द्वारा कई बार आवेदन और प्रदर्शन के बावजूद जिला प्रशासन मनमानी पर उतारू है।
अमित का कहना है कि जिनका घर, संसार उजड़ रहा हो उनके साथ ऐसा व्यवहार कभी अंग्रेजों ने तक नहीं किया। हमारा नारा है कि पहले लड़े थे गोरों से अब लड़ेंगे चोरों से। यात्रा में शामिल रतीराम अहिरवार, सावित्री जगन्नाथ यादव, जमुना ओमरे, बिजावर दिव्या अहिरवार, कुपिया बहादुर आदिवासी, हिसाबी राजपूत, पूरन राजपूत, हनुमत राजगोड़, वृंदावन पाल, मोहन पाल, शंकर सिंह परमार, दशरथ रैकवार, मानक रैकवार, उमेद पटेल, तुलसी आदिवासी, नत्थू रैकवार शामिल रहे।
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