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डाउनलोड करेंसाउथ की मूवी KGF Chapter-2 के रिलीज होने में अभी समय है, लेकिन इसकी एंट्री मप्र में जरूर हो गई है। मूवी के ट्रेलर से मिलता-जुलता एक VIDEO सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। इसमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की एंट्री हीरो की तरह होती दिखाई दे रही है। कमलनाथ को गोलियां दागते हुए दिखाया गया है। मध्यप्रदेश में जंगलराज खत्म करने के लिए दोबारा आने का इशारा है। VIDEO पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सवाल पूछा, क्या उनको अफगानिस्तान दिख रहा है, जो ऐसा VIDEO जारी किया है। CM शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में यह VIDEO तेजी से वायरल हो रहा है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- कमलनाथ जी को रहस्य और रोमांच की जगह कोरोना काल में सेवा करते हुए VIDEO जारी करवाना चाहिए। वैसे उनको जरूर बताना चाहिए कि वह किस पर गोली चलवा रहे हैं...?
क्या है VIDEO में...
VIDEO की शुरुआत गन लोड करने से होती है, इसके बाद कमलनाथ की सूट-बूट में एंट्री होती है। गोली चलने के साथ ही एक स्लोगन लिखा आता है- शिवराज के जंगलराज से बचाने, बलात्कार... बदहाल किसान... जंगलराज... पनौती सरकार... महिला अपराध... बाल अपराध... आदिवासी अत्याचार... आ रहे हैं कमलनाथ। गोलीबारी के बीच लास्ट में एक पोस्टर दिखाया गया है। इसमें कमलनाथ गन के साथ नजर आ रहे हैं। इस पर लिखा है कमलनाथ रिटर्न्स 2023।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा- क्या यह अफगानिस्तान है
जबलपुर में BJP के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने VIDEO को लेकर कहा- देश के अंदर क्या राजनीति में गनों की जरूरत है, जो VIDEO जारी किया है, उसे देखना चाहिए। क्या भारत का समाज ऐसा है? यह गांधीजी का देश है, इस देश का जनमानस ऐसा है, प्रेमभाव के साथ आइए, समाज में पहुंचिए, जनता से मिलिए.... पर ये गन लोड कर रहे हैं।
भाजपा बोली- मध्यप्रदेश में शिवराज नामक शेर है न...
VIDEO को लेकर सीहोर जिला भाजपा के मीडिया प्रभारी सुशील संचेती ने कहा कि सपने देखने में कोई हर्ज नहीं है। मप्र की जनता से झूठे वादे कर धोखे से सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के जंगलराज से मप्र को भाजपा के "शिव" ने मुक्त किया। गांव, गरीब, किसान की सर्वजन हिताय... सर्वजन सुखाय के मूलमंत्र को लेकर कार्य करने वाली सरकार पुनः प्रदेश में कार्य कर रही है। कमलनाथ जी आप मप्र की चिंता नहीं करें, मप्र की चिंता करने के लिए "शिव" रूपी "शेर" है न...। कमलनाथ के जंगलराज से मप्र को मुक्त करने वाले शेर का नाम है "शिवराज"।
मार्च 2020 में अल्पमत में आने के बाद गिर गई थी कमलनाथ सरकार
सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। 20 मार्च 2020 को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली थी। शिवराज ने शपथ लेने के 28 दिन बाद 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया। इसमें 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी।
क्यों है 2023 के चुनाव की चर्चा?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि जो लोग कहते हैं कि मैं हार के बाद मध्यप्रदेश छोड़ दूंगा, तो वे सुन लें.. हम 2023 का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे। मैंने 1 मई 2018 को जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाला था। मेरे सामने संगठन को मजबूत करने की चुनौती थी। सामने चुनाव थे। 'जब मैंने सीएम पद से 20 मार्च को इस्तीफा दिया, तो मेरे सामने दो रास्ते थे। पहला- मैं सब छोड़कर चला जाऊं। दूसरा- यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूं। मैंने तय किया कि मैं यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूंगा। कांग्रेस जनों को अकेला नहीं छोडूंगा।'
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