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भोपाल में मंगलवार को प्रदेशभर से जुटेंगे किसान:किसानों से जुड़े 18 मुद्दों पर भरेंगे हुंकार; भाकिसं के बैनर तले कार्यक्रम

भोपाल4 महीने पहले
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राजधानी में कल यानी, 22 नवंबर को प्रदेशभर से किसान जुटेंगे। वे उनसे जुड़े 18 मुद्दों पर हुंकार भरेंगे। भारतीय किसान संघ के बैनर तले एमवीएम (मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय) ग्राउंड पर कार्यक्रम होगा।

भाकिसं ने मंगलवार को 'किसान शक्ति शंखनाद, ग्राम सभा से विधानसभा' के तहत कार्यक्रम आयोजित किया है। इसमें जिला और तहसील स्तर से किसान शामिल होंगे। इससे सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार से लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन उनका निराकरण नहीं हुआ, इसलिए अब मैदान में उतरेंगे।

हर जिले से आएंगे किसान
किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम में प्रदेश के हर जिले और तहसील से किसान आएंगे। इसी हिसाब से तैयारियां की जा रही है। सोमवार को टेंट लगाने के साथ अन्य व्यवस्था की गई।

किसानों की ये हैं मांगें

  • प्रदेश सरकार खेती-किसानी से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए विधानसभा का सात दिवसीय विशेष सत्र बुलाए।
  • वायरल या अफलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर, मुआवजा दें। साथ ही, डिफाॅल्टर किसानों का ब्याज माफ कर उन्हें सोसायटियों के जरिए खाद-बीज प्रदान किया जाए।
  • मुख्यमंत्री कृषि पंप अनुदान योजना जल्द चालू हो।
  • सभी वितरण केंद्र स्तर पर बिजली समस्या समाधान कैम्प लगाकर तत्काल किसानों की समस्याएं दूर की जाए।
  • मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना एवं बलराम तालाब योजना फिर से चालू हो।
  • प्रदेश की सभी नहरों की मरम्मत की जाए, ताकि समय पर किसानों को बेहतर तरीके से पानी मिल सके।
  • प्रदेश के सभी गोपालक किसानों को 900 रुपए प्रति माह दिया जाए।
  • मुख्यमंत्री सम्मान निधि की राशि 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जाए।
  • राजस्व के प्रकरणों का पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर शीघ्र निराकरण किया जाए।
  • जमीन क्रय करने वाले व्यक्ति की रजिस्ट्री के बाद अधिकतम सात दिन के अंदर नामांकरण भी किया जाए, ताकि जालसाजी न हो सके।
  • जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से होने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई किया जाए।
  • जिन क्षेत्रों में कृषि भूमि की गाइडलाइन बहुत कम है, उसे बढ़ाया जाए और भूमि अधिग्रहण करते समय किसानों को गाइडलाइन का चार गुना मुआवजा दिया जाए। अति आवश्यक होने पर ही उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण हो।
  • मंडियों में कार्यरत महिला मजदूरों को हम्माल का दर्जा दिया जाए।
  • प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाए। जिससे योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सके।
  • मंडियों में डोकोज टेस्टिंग मशीनें लगाई जाए। वहीं, अनाज तौलने के लिए 10 टन के फ्लेट कांटे लगे।