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CM ने बदला पब्लिक इंटरेक्शन का स्टाइल:मैदान में जाकर ले रहे एक्शन; कांग्रेस बोली- जब डर पैदा होता है तब ऐसा होता है

भोपाल4 महीने पहलेलेखक: विजय सिंह बघेल
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मध्यप्रदेश की सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। सीधे, सरल और सहज दिखने वाले मुख्यमंत्री इन दिनों सख्त रुख अपनाए हुए हैं। बिना प्रोग्राम अचानक किसी भी जिले के किसी गांव में अचानक इंस्पेक्शन करने पहुंच रहे हैं। खामियां मिलने पर कभी मंच से तो कभी फील्ड इंस्पेक्शन के दौरान सीधे जिम्मेदारों पर एक्शन ले रहे हैं। सीएम के भाषण का अंदाज भी बदल गया है। मंच पर अब वह एक जगह ठहर कर नहीं, किसी मैनेजमेंट गुरु की तरह स्पीच दे रहे हैं।

सीएम से दैनिक भास्कर ने पूछा कि आजकल उनकी स्टाइल चेंज हो गई है। उन्होंने कहा, दो साल कोविड में निकल गए, तो ज्यादा जा नहीं पाए। अब मैदान में जाकर देख रहे हैं। बेहतर काम हो रहा है, उसके लिए पुरस्कृत कर रहे हैं। गड़बड़ अगर होती है, तो कार्रवाई होती है, अब ये भी तो जरूरी है।

कांग्रेस के सीनियर लीडर और विधायक पीसी शर्मा ने सीएम के इस बदले अंदाज पर कहा, यही अच्छी बात है जो काम नहीं करें, उनको सबक सिखाना चाहिए। लेकिन, सीएम लेट हो गए, ये उन्हें पहले करना चाहिए था। अब चुनाव करीब आ गए। निश्चित तौर पर वे चुनाव की वजह से ऐसा कर रहे हैं। जब काम नहीं होते तो एक डर पैदा होता है ...और जब डर पैदा होता है तो इस तरह के एक्शन होते हैं।

सीएम के आदिवासी क्षेत्रों में दौरों पर शर्मा ने कहा, राहुल गांधी ने टंट्या मामा की समाधि पर जाकर मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल के सभी समीकरण बदल दिए हैं। प्रदेश ही नहीं पूरे देश में आदिवासियों का हक पहला है, कांग्रेस का हमेशा से स्टैंड यही रहा है।

अब ग्रामीण जिन योजनाओं की शिकायत करते, सीएम उस योजना के जिम्मेदार अफसरों से सीधे सवाल पूछ लेते हैं। यहीं से सीएम ने कार्यक्रमों के दौरान लंबा चौड़ा भाषण देने के बजाए टू वे कम्युनिकेशन शुरू कर दिया।
अब ग्रामीण जिन योजनाओं की शिकायत करते, सीएम उस योजना के जिम्मेदार अफसरों से सीधे सवाल पूछ लेते हैं। यहीं से सीएम ने कार्यक्रमों के दौरान लंबा चौड़ा भाषण देने के बजाए टू वे कम्युनिकेशन शुरू कर दिया।

अब जानते हैं कैसे और कितना बदल गया सीएम का अंदाज...

मॉर्निंग मीटिंग में ही अफसरों को सस्पेंड कर रहे...

चार महीने पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से ही प्रदेशभर के जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए मॉर्निंग मीटिंग की शुरुआत की है। सुबह 6 से 7 बजे के बीच सीएम किसी एक जिले के कलेक्टर, एसपी सहित विभागों के प्रमुख अधिकारियों, प्रभारी मंत्रियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़कर समीक्षा करते हैं। सीएम योजनावार कलेक्टर्स से वन टू वन स्थिति पूछते हैं। समीक्षा के पहले सीएम उस जिले की जानकारी भी अपने पास बुला लेते हैं। बैठक में गलत जानकारी देने वाले और लापरवाह अफसरों पर तुरंत एक्शन भी ले रहे हैं। कई बार सार्वजनिक तौर पर सीएम इस बात को कह चुके हैं कि मेरी जिलों की समीक्षा बैठक का समय सुबह जल्दी होने से कई लोग परेशान होते हैं, इसलिए मैंने टाइम थोड़ा आगे बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान से बदला स्पीच का अंदाज

पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से प्रदेश में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान में सरकारी योजनाओं से छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को खोज-खोजकर जोड़ने का अभियान चलाया गया। इसी अभियान के दौरान सीएम के भाषण देने का अंदाज बदल गया। आमतौर पर मंच पर एक जगह खड़े होकर भाषण देने वाले सीएम ने शहडोल जिले के कोटमा गांव में जब मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के कार्यक्रम में शिरकत की, तो यहां भाषण देने के बजाए सीएम ने योजनाओं को लेकर पब्लिक से फीडबैक लेना शुरू कर दिया। ग्रामीण जिन योजनाओं की शिकायत करते सीएम उस योजना के जिम्मेदार अफसरों से सीधे सवाल पूछ लेते। यहीं से सीएम ने कार्यक्रमों के दौरान लंबा चौड़ा भाषण देने के बजाए टू वे कम्युनिकेशन शुरू कर दिया।

सितंबर से अब तक मुख्यमंत्री कई अफसरों को सस्पेंड कर चुके हैं। उन्होंने 4 महीने पहले ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए मॉर्निंग मीटिंग की शुरुआत की है। हर दिन सीएम अलग-अलग जिले की मीटिंग लेते हैं।
सितंबर से अब तक मुख्यमंत्री कई अफसरों को सस्पेंड कर चुके हैं। उन्होंने 4 महीने पहले ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए मॉर्निंग मीटिंग की शुरुआत की है। हर दिन सीएम अलग-अलग जिले की मीटिंग लेते हैं।

ऐसे नपे अफसर...

स्टूडेंट्स से अभद्रता करने पर एसपी सस्पेंड

  • 18 सितंबर में झाबुआ जिले के एसपी अरविंद तिवारी का छात्रों से फोन पर अभद्रता करने वाला ऑडियो वायरल हुआ था। ये ऑडियो जैसे ही सीएम तक पहुंचा उन्होंने अगली सुबह यानी 19 सितंबर को ही बैठक बुलाई और एसपी अरविंद दुबे को हटाने के निर्देश दिए, कुछ ही देर बाद एसपी को सस्पेंड भी कर दिया गया। अगले ही दिन सीएम ने झाबुआ कलेक्टर को भी बदल दिया।
  • 23 सितंबर को सागर जिले की समीक्षा करते हुए पीएम आवास योजना में पैसे लेने वाले रोजगार सहायकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेवा से पृथक करने के निर्देश दिए।
  • 25 सितंबर को झाबुआ के जिला खाद्य अधिकारी एमके त्यागी को सीएम ने हटाने के निर्देश दिए।
  • अनूपपुर जिले की समीक्षा के दौरान पीएचई के ईई को गलत जानकारी देने पर सीएम ने माफी मंगवाई।
  • श्योपुर जिले की समीक्षा के दौरान राशन वितरण की गलत जानकारी देने पर डीएसओ को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही पीएम आवास योजना में रिश्वत मांगने वालों को सेवा से समाप्त करने के निर्देश दिए। बड़वानी जिले में सेंधवा के जनपद पंचायत सीईओ को सीएम ने मंच से ही सस्पेंड कर दिया।
  • 13 अक्टूबर को रीवा जिले की समीक्षा बैठक में सीएम ने हनुमना में बिजली वितरण की लापरवाही की शिकायतों पर सब इंजीनियर को सस्पेंड करने के साथ ही कामों की जांच कराने के निर्देश दिए।

आदिवासियों के साथ गांव में जमीन पर बैठकर कर रहे चर्चा
मप्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों को अपने पाले में करने के लिए सीएम ने पूरा फोकस ट्रायबल बेल्ट पर कर रखा है। 15 नवंबर को पेसा एक्ट लागू होने के बाद से ही सीएम लगातार आदिवासी बहुल जिलों में दौरे कर रहे हैं। सीएम ने आदिवासी बहुल जिलों में अब संवाद के लिए चौपालों को जरिया बनाया है। गांवों में पेड़ की छांव में सीएम फर्श पर बैठकर ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी बात सुन रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायतों पर अफसरों के खिलाफ ऑन स्पॉट एक्शन भी ले रहे हैं।

सीएम शिवराज प्रदेश में अचानक दौरे कर रहे हैं। निरीक्षण की जानकारी संबंधित जिले के कलेक्टर को तब मिलती है, जब सीएम वहां पहुंच जाते हैं। शनिवार को ही उन्होंने डिंडौरी और मंडला जिले में अचानक निरीक्षण किया था।
सीएम शिवराज प्रदेश में अचानक दौरे कर रहे हैं। निरीक्षण की जानकारी संबंधित जिले के कलेक्टर को तब मिलती है, जब सीएम वहां पहुंच जाते हैं। शनिवार को ही उन्होंने डिंडौरी और मंडला जिले में अचानक निरीक्षण किया था।

अब बिना बताए उतर रहा सीएम का उड़न खटोला
शनिवार से सीएम अचानक एक्शन के मोड में आ गए। सुबह से ही सूचना मिली कि सीएम प्रदेश के किसी भी जिले में जाकर औचक निरीक्षण कर सकते हैं। इसके बाद सीएम सीधे डिंडौरी के शहपुरा पहुंच गए। यहां सड़क मार्ग से सीधे बेलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना (बिलगढ़ा बांध) करने पहुंचे। यहां लापरवाही की शिकायत मिलने पर सीएम ने जल संसाधन विभाग के EE वीजीएस सांडिया, SE एसके चौधरी, SDO बेलगांव एमके रोहतास को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद सीएम ने स्कूल और छात्रावास का निरीक्षण किया और शहपुरा ब्लॉक के आदिवासी बालक आश्रम, शाला बड़झर छात्रावास अधीक्षक कमलेश कुमार को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद सीएम मंडला जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंच गए और सही जानकारी न देने पर सिविल सर्जन को सस्पेंड कर दिया।

20 जिलों पर फोकस, अफसर और लापरवाह अमला निशाने पर
मप्र में अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए आदिवासी वर्ग पर सरकार की पूरी नजर है। प्रदेश के 20 जिलों के 89 ब्लॉक आदिवासी बहुल हैं। सीएम इन सभी आदिवासी बहुल ब्लॉकों में लगातार दौरे कर रहे हैं। अब सीएम बिना सूचना दिए किसी भी जिले के दौरे पर पहुंच जाते हैं। खासकर आदिवासी जिलों में राज्य और केन्द्र सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं और बडे़ प्रोजेक्ट्स को सीएम खुद मौके पर जाकर देख रहे हैं। ऐसे में जहां खामियां मिल रहीं हैं। छोटे कर्मचारियों के बजाए बडे़ अफसर नप रहे हैं।

आदिवासियों के बल पर कांग्रेस को मिली थी सत्ता
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 31 पर कामयाबी मिल गई थी। आदिवासी अंचल में सीटें बढ़ने से बीजेपी सत्ता से चूक गई और कांग्रेस की सरकार बन गई। अब बीजेपी ने खासकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्राइबल बेल्ट पर पूरा फोकस कर रखा है।

इससे पहले भी शिवराज मंच पर दिखा चुके सख्त तेवर...

CM शिवराज की अफसरों को सलाह; भ्रष्टाचार पर तुरंत बत्ती जले

एक महीने पहले ही मध्यप्रदेश के अफसरों को CM शिवराज सिंह चौहान ने दो टूक सलाह दी थी। कहा कि भ्रष्टाचार की खबरों पर तुरंत बत्ती जले और तुरंत एक्शन लें, वरना मैं एक्शन ले लूंगा। कोई भी चीज अनदेखी नहीं होनी चाहिए। अच्छी बातों की मार्केर्टिंग भी करें। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

डिंडौरी-मंडला में 6 अफसरों को किया सस्पेंड

दो दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिल्म 'नायक' के अनिल कपूर वाले अंदाज में नजर आए। फिल्म में जिस तरह सीएम बने अनिल कपूर लापरवाह अधिकारियों को निलंबित करते दिखे थे, वैसे ही सीएम शिवराज ने भी एक के बाद एक 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

बैतूल में CMHO और माइनिंग ऑफिसर समेत 4 अधिकारी सस्पेंड

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को बैतूल में थे। यहां पर जनसभा के दौरान वे एकबार फिर एक्शन मोड में नजर आए। उन्होंने मंच से ही जिले के कुंडबकाजन में चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने कहा- किसी को एक पैसा मत देना यदि कोई गड़बड़ी करे तो सूचना सीएम हाउस भेज देना, उसे नौकरी करने लायक नहीं रहने दूंगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

बड़वानी में मंच पर ही कर दिया जनपद सीईओ को निलंबित

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। इसके तहत एक व्यक्ति एक ही शादी कर सकेगा। सम्मेलन के दौरान सरकारी योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सीएम शिवराज के सख्त तेवर दिखे। यहां उन्होंने मंच से ही सीईओ को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने कहा कि सीईओ लापरवाह है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

​​​​​CM ने मंच पर ही SDM, तहसीलदार को दी वार्निंग

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को छिंदवाड़ा में थे, यहां रामाकोना में आयोजित जन सेवा शिविर में भी उन्होंने सख्त तेवर दिखाए थे। इस दौरान कलेक्टर के साथ-साथ SDM, तहसीलदार और CMHO सभी को मंच से उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सरकारी योजना का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिलना चाहिए इसमें वह किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

CM ने मंच पर दी इंजीनियर को हिदायत, कलेक्टर को आया पसीना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंडला में मंच पर PHE अधिकारी को फटकार लगा दी। सीएम ने कार्यपालन मंत्री केएस कुसरे से कहा- यदि पानी की टंकी का निर्माण घटिया पाया जाता है, तो उसे तोड़कर फिर से बनाया जाए। ये नहीं चलेगा कि ऐसी-वैसी बनाओ और निकल जाओ। जब सीएम, अधिकारी को फटकार रहे थे, तब बगल में खड़ी कलेक्टर पसीना पोछते नजर आईं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

झाबुआ SP का गुंडों जैसा बर्ताव, CM ने किया सस्पेंड

सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद सोमवार (19 सितंबर) को झाबुआ जिले के SP अरविंद तिवारी को सस्पेंड किया गया था। SP ने बीती रात मदद मांगने पर पॉलिटेक्निक कॉलेज के आदिवासी छात्र से फोन पर गाली-गलौज की थी। सोमवार को इसी बातचीत का ऑडियो सामने आया, जिसके बाद सीएम ने वर्चुअल मीटिंग बुलाकर DGP को झाबुआ एसपी को हटाने के निर्देश देते हुए जांच के आदेश दिए। SP को पहले भोपाल मुख्यालय अटैच किया गया। जांच के बाद दोपहर में निलंबन की कार्रवाई की गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

शिवराज बोले- जो काम के बदले दाम मांगे, उन्हें नौकरी से बाहर करो

करीब दो महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 दिन में तीन खाद्य अधिकारियों पर एक्शन लिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, जो काम के बदले दाम मांगे, उन्हें नौकरी से बाहर करो। CM ने कहा कि राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।