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डाउनलोड करेंमप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। विधानसभा सचिवालय ने रविवार देर शाम इसकी अधिसूचना जारी की है। सत्र की अधिसूचना जारी होते ही मप्र में सियासी बयानबाजी शुरु हो गई है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा।
सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा- 5 दिनों के विधानसभा सत्र में किसकी बात सुनोगे शिवराज? युवाओं की नौकरी की बात करेंगे, कि किसानों की?? विधानसभा चलाने से क्यों डर लगता है?? करो महीने 2 महीने का सेशन और दो जनता के सारे जवाब!!
संसदीय कार्य मंत्री बोले- चर्चा की जगह हंगामा करते हैं कांग्रेस विधायक
विधानसभा सचिवालय से शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा - कांग्रेस के लोग सत्र में चर्चा करते नहीं। चर्चा के वक्त हंगामा करते हैं। जहां हंगामा करना चाहिए वहां चर्चा करते हैं। ये अति महत्वपूर्ण सत्र है वो जो भी जनहित के मुद्दे विधि सम्मत तरीके से उठाना चाहें सरकार तैयार है।
द्वितीय अनुपूरक बजट भी इसी सत्र में आएगा
संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया मप्र विधानसभा का सत्र 19 से 23 दिसंबर तक चलेगा। 21 नवंबर से प्रश्न लगना शुरु हो जाएंगे। एक सप्ताह का यह सत्र होगा। इसमें पांच बैठकें होंगी, प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण के माध्यम से जनहित से जुडे़ मुद्दे सदस्य गण उठा सकेंगे। द्वितीय अनुपूरक बजट भी इस सत्र में आएगा।
अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में कांग्रेस
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह मानसून सत्र खत्म होने के बाद से ही इसकी तैयारियों में लगे हुए हैं। पीसीसी की तरफ से विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष डा. गोविन्द सिंह और पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सौंपी है। दोनों ने प्रारंभिक रूपरेखा भी तैयार कर ली है। इस पर चर्चा के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पांच दिसंबर को बैठक बुलाई है। इसमें अविश्वास प्रस्ताव में शामिल किए जाने वाले विषय और इसे विधानसभा शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत करने की रणनीति बनाई जाएगी। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रस्ताव तैयार करने के लिए पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन विंध्य क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में व्यस्तता के कारण उन्होंने असमर्थतता जता दी थी इसके बाद नेता प्रतिपक्ष को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। दिसंबर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। यदि किसी कारण से यह संभव नहीं हो सका तो फरवरी-मार्च 2023 में होने वाले बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। अविश्वास प्रस्ताव में जिन मुद्दों को शामिल किया जाएगा, उनकी पुस्तिका भी छपवाई जाएगी। जिला कमेटियों के माध्यम से इनका वितरण कराया जाएगा। पूरक पोषण आहार, मध्या- भोजन सहित अन्य विषयों को लेकर जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित करने की रणनीति बनाई जा रही है।
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