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डाउनलोड करेंएक अगस्त से प्रदेश की 4 हजार 651 नई लोकेशन पर प्रॉपर्टी की दरें बढ़ जाएंगी। इनमें भोपाल के 222 नए क्षेत्र शामिल हैं। राज्य सरकार ने नई लोकेशनों में होने वाले प्रॉपर्टी के सौदों को आसपास की कलेक्टर गाइडलाइन से जोड़ दिया है। इंदौर में ऐसी 365, जबलपुर में 106, उज्जैन में 119 और ग्वालियर में 36 नई लोकेशन हैं।
हालांकि इनमें सिर्फ वैध कॉलोनियां शामिल हैं। पुरानी लोकेशनों पर जो कलेक्टर गाइडलाइन अभी लागू है, वह वित्त वर्ष 2021-22 में भी रहेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि इस साल मौजूदा गाइडलाइन नहीं बढ़ेगी। बता दें कि केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने पंजीयन विभाग द्वारा प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन शासन को भेजी थी। इस पर चर्चा के बाद शासन ने पुरानी लोकेशन की प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव टाल दिया। विभाग ने भोपाल की 3910 में से 3200 लोकेशन पर प्रॉपर्टी रेट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।
मेट्रो प्रोजेक्ट... अधिग्रहण अधूरा, इसलिए रेसीडेंशियल से कमर्शियल का प्रस्ताव टाला
बोर्ड ने जून में सरकार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश की सवा लाख लोकेशन पर 5 से 40% तक दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। इसमें भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट के दोनों तरफ 50-50 मीटर के बाद प्रॉपर्टी की कीमतें 40% तक बढ़ाने का प्रस्ताव था। हालांकि सरकार ने इसे टाल दिया। इसके पीछे तर्क था कि अभी मेट्रो के लिए और जमीन अधिग्रहण होना है। इसके बाद मुआवजा दिया जाएगा। यदि पुरानी लोकेशन पर कीमतें बढ़ाईं तो सरकार को ज्यादा राशि देना पड़ सकती है।
सरकार की कमाई... असर नहीं, पिछले साल की तुलना में राजस्व 35% बढ़ चुका
नई लोकेशन पर प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाने के फैसले से सरकार की कमाई पर फर्क नहीं पड़ेगा। कोरोना काल में ही जुलाई तक ही सरकार के खजाने में 2100 करोड़ रुपए आ चुके हैं। वर्ष 2020-21 की शुरुआत में सरकार 900 करोड़ रु. के घाटे में थी। लिहाजा पहले स्टॉम्प ड्यूटी कम की व फिर कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ाने की बात की। इससे रजिस्ट्री तेजी से बढ़ी और सरकार का खजाना भर गया। पिछले साल की तुलना में ही रेवेन्यू की ग्रोथ 35% है।
किसे माना नई लोकेशन... नई कॉलोनी, नगरीय क्षेत्र, एक विकसित कॉलोनी के दो हिस्से, अपकमिंग क्षेत्र जहां कलेक्टर गाइडलाइन नहीं है। इनमें भोपाल की 212 शहरी और 10 ग्रामीण कॉलोनियां हैं। यहां आसपास के रेट इन इलाकों में लागू होंगे।
छह साल पहले बढ़ी थी... 2015-16 में आखिरी बार राज्य सरकार ने गाइडलाइन 4% बढ़ाई थी। इसके बाद 2019-20 में कमलनाथ सरकार ने 20% गाइडलाइन कम की, लेकिन रजिस्ट्रेशन फीस 0.8% से बढ़ाकर 3% कर दी। लिहाजा लोगों को ज्यादा लाभ नहीं मिला।
नई लोकेशन में एक भी अवैध कॉलोनी नहीं
इन 4651 नई लोकेशन की रजिस्ट्री में रेट कैसे तय होंगे?
अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री हो रही है, क्या आगे भी होती रहेगी?
यदि मुझे एक अगस्त के बाद रजिस्ट्री कराना है तो क्या ज्यादा शुल्क चुकाना होगा?
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