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पैरोल पर गए बंदियों की 420 दिन बाद वापसी:ज्यादातर शराब के नशे में झूमते हुए जेल पहुंचे, दो फरार; करानी पड़ी एफआईआर

भोपाल2 वर्ष पहलेलेखक: सुनीत सक्सेना
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कोरोना संक्रमण के दौरान महामारी विशेष पैरोल पर रिहा किए गए बंदियों की लगभग 420 दिन बाद जेल वापसी हो रही है। - Money Bhaskar
कोरोना संक्रमण के दौरान महामारी विशेष पैरोल पर रिहा किए गए बंदियों की लगभग 420 दिन बाद जेल वापसी हो रही है।
  • भोपाल सेंट्रल जेल...प्रदेशभर की जेलों से 5000 बंदियों को मिली विशेष पैरोल, इनमें 750 भोपाल जेल के

कोरोना संक्रमण के दौरान महामारी विशेष पैरोल पर रिहा किए गए बंदियों की लगभग 420 दिन बाद जेल वापसी हो रही है। लेकिन, कुछ बंदी समय पर नहीं पहुंचे तो कुछ शराब के नशे में झूमते-झामते जेल आए। दो बंदी तो ऐसे हैं भी हैं जो पैरोल से फरार हो गए, इनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करानी पड़ी है। प्रदेशभर की जेलों में बंद बंदियों में से विशेष पैरोल का लाभ लगभग 5000 बंदियों को मिला है। इनमें लगभग 750 बंदी भोपाल सेंट्रल जेल के हैं।

कोरोना संक्रमण के पहले चरण में पिछले साल सरकार द्वारा बंदियों को 300 दिन की महामारी विशेष पैरोल का लाभ देकर रिहा किया था। इसके बाद इस साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 120 दिन की विशेष पैरोल और दी गई। अब जब कोरोना कंट्रोल में है, तब भी बंदियों को 120 दिन की विशेष पैरोल का लाभ देकर रिहा किया जा रहा है। पहले चरण के 300 दिन और दूसरे चरण के 120 दिन की पैरोल का लाभ लेने वाले बंदियों का जेल वापसी का सिलसिला जारी है। जेलों में अधिकतर बंदी वापस आ गए हैं, जो अभी भी रिहा किए जा रहे हैं, उनकी वापसी दिसंबर तक होगी। आदेश में इस बात का उल्लेख नहीं है कि बंदियों को 120 दिन की पैरोल का लाभ कब तक दिया जाना है।

इनको अलग बैरक में रखा
जेल सूत्रों का कहना कि जेल में रोज 50-60 बंदियों की पैरोल से वापसी हुई है। लगभग सभी बंदी लौटकर आ गए हैं। लंबे समय तक बाहर रहने के कारण बंदियों को नशे की लत लग गई है। ज्यादातर बंदी शराब के नशे में लौटे। कई के पैर लड़खड़ा रहे थे। उन्हें पता है कि अब लंबे समय तक बाहर नहीं निकल सकते, इसलिए वे नशा करके पहुंच रहे हैं। इन्हें अलग बैरक में रखा है।

दो बंदी फरार, तलाश जारी
विदिशा निवासी नेतराम सिंह और बैतूल निवासी गोपाल विशेष पैरोल पर रिहा किए गए थे। यह दोनों बंदी पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद भी जेल वापस नहीं पहुंचे। इनकी वापसी का इंतजार किया गया, इसके बाद दोनों के खिलाफ गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस और जेल की टीम आरोपियों की तलाश कर रहीं है।

वापस नहीं आने वाले बंदियों पर होगी कार्रवाई...
यदि बंदी पैरोल से वापस नहीं आता है तो नियमानुसार उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। दो बंदियों के खिलाफ केस दर्ज कराए हैं। कई बंदी नशे की हालत में भी जेल पहुंचे हैं, उन्हें अलग बैरक में रखा गया है। -दिनेश नरगावे, जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल भोपाल

300 दिन की पहले चरण में और 120 दिन की दूसरे चरण में मिली पैरोल