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डाउनलोड करेंकमला नेहरू अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्थित हमीदिया अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड की आगजनी की घटना में बच्चों की मौत की कांग्रेस ने हाईकोर्ट के सीटिंग जज से जांच की मांग की है। इस संबंध में सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल आगमन पर कांग्रेस ने एसडीएम को ज्ञापन दिया।
इसमें मांग की गई कि पीडियाट्रिक वेंटिलेटर पर भर्ती 14 शिशुओं की असमय दर्दनाक मौत हो गई। वहीं वेंटिलेटर, मॉनीटर, वार्मर मशीन सहित तमाम उपकरण भी जल गए। इस वजह से अस्पताल में भर्ती बच्चों को भी समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। आगजनी की घटना फायर और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी का आडिट समय पर नहीं होने की वजह बताई जा रही है। इससे पहले भी अस्पताल में दो बार आगजनी की घटना हो चुकी है। ऑडिट की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन, मप्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की होती है।
कांग्रेस ने कहा कि घटना के बाद सरकार एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा छोटे कर्मचारियों को मोहरा बनाकर उन्हें दंडित कर पूरे मामले में लीपा-पोती का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार ने केवल चार शिशुओं की मौत आगजनी से हुई माना है और सरकार ने उन्हें मात्र चार लाख रूपये मुआवजे की घोषणा की है, जो नाकाफी है। जबकि अस्पताल प्रबंधन के अनुसार हादसे में 14 बच्चों की मौत हुई है।
कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भोपाल आगमन पर मांग करती है कि राज्य सरकार हादसे में मृत शिशुओं के प्रत्येक परिजन को 50-50 लाख रूपये और हादसे में घायल बच्चों के परिजनाें को 10-10 लाख रूपये मुआवजा दे। वहीं घटना की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जजों से करायी जाये, बच्चों को बचाने वाले डॉक्टसे पर कार्यवाही पर रोक लगाई जाये तथा दोषी मंत्री, अपर मुख्य सचिव सहित अन्य दोषियों पर कार्यवाही की जाये। बता दें 8 नवंबर को हमीदिया अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में आग लग थी।
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