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डाउनलोड करेंभारत जोड़ो यात्री बारिश, ठंड और गर्मी को मात देकर चल रहे हैं। यात्रियों में इतना जोश है कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक का ये कठिन सफर हंसते-खेलते पूरा कर रहे हैं। 75 साल के दिग्विजय सिंह हर एक यात्री की सेहत पर नजर बनाए रहते हैं। इसी दौरान कन्याकुमारी से पैदल चल रही छत्तीसगढ़ की एक महिला अचानक बीमार हो गई। ऐसे में दिग्विजय सिंह ने परिवार की तरह अपना फर्ज निभाया। महिला यात्री से ही जानिए पूरा मामला...
मेरा नाम क्रांति बंजारे है। मैं छत्तीसगढ़ के राजनादगांव जिले के कोपेडी गांव की रहने वाली हूं। मैं शुरुआत से ही यानी 7 सितंबर से कन्याकुमारी से राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में पैदल चल रही हूं। जैसे ही ये यात्रा शुरू हुई, बीच-बीच में मेरे पेट में दर्द होता था। कभी इतनी लंबी यात्रा नहीं की, इसलिए लगता था कि शायद पैदल चलने की वजह से दर्द हो रहा है। मैं सामान्य दर्द मानकर चलती रही। जब हम हैदराबाद पहुंचे तो दर्द ज्यादा होने लगा। यहां हॉस्पिटल गई तो डॉक्टरों ने स्टोन बताया। मैंने सोचा कि यात्रा पूरी होने के बाद सर्जरी करा लूंगी। डॉक्टर से दवाएं लेकर यात्रा में चलने लगी।
यात्रा मध्यप्रदेश के महू पहुंची तो मुझे असहनीय दर्द होने लगा। मुझे महू के एक प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। महू के डॉक्टरों ने सोनोग्राफी कराई तो पेट में 5 स्टोन दिखे। डॉक्टरों ने बॉटल चढ़ाई तो दर्द ठीक हो गया। चूंकि इस यात्रा में मेरे परिवार का कोई सदस्य नहीं था और यात्रा कश्मीर तक जानी थी, इसलिए मैंने सोचा कि अभी दर्द ठीक हो गया है, यात्रा पूरी होने के बाद ऑपरेशन करा लूंगी।
मैं दवा लेकर फिर अपने कैम्प में वापस आ गई। यात्रा जैसे ही इंदौर पहुंची तो मुझे फिर इतना तेज दर्द हुआ कि सहन करना मुश्किल था। मेरी तबीयत खराब होने की जानकारी जैसे ही दिग्विजय सिंह को लगी उन्होंने मुझे इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल भिजवाया। दिग्विजय सिंह की निगरानी में मेरे टेस्ट हुए। 29 नवंबर को मेरी सर्जरी हुई। किडनी और गाल ब्लैडर से दो-दो स्टोन निकले। सर्जरी के बाद जब मैं आईसीयू से बाहर आई तो मेरे सामने दिग्विजय सिंह खड़े थे। एक पल के लिए मुझे लगा कि मेरे पिता मेरे सामने खड़े हैं। पूरे समय उन्होंने मेरी हालत पर नजर रखी। डॉक्टरों से अपडेट लेते और फिर मुझसे हालचाल पूछते।
नहीं आ पाया परिवार, छत्तीसगढ़ की सहयात्री ने दिया साथ
मेरे पति ड्रिप इरिगेशन के प्रोजेक्ट में जॉब करते हैं। मेरी सासु मां की तबीयत खराब होने के कारण पति इंदौर नहीं आ पाए, लेकिन इस यात्रा में मेरा साथ छत्तीसगढ़ के जसपुर की रहने वाली आशिका कुजूर ने दिया। कन्याकुमारी से आशिका मेरे साथ पदयात्रा कर रही है। जब भी मुझे दर्द होता वह मुझे दवा देती और ख्याल रखती। इंदौर के हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद आशिका ने परिवार के सदस्य की तरह मेरी देखभाल की। जब मैं सो जाती तब वह कुछ देर के लिए सोती। जब मेरी नींद खुलती तो वह मेरे पलंग के पास खड़ी मिलती। इस यात्रा में दर्द का अहसास आशिका का साथ और दिग्विजय सिंह जी के आशीर्वाद से दूर हो गया।
चार स्टोन निकले, एक किडनी में है
क्रांति का कहना है कि उन्हें 5 स्टोन बताए गए थे। चार स्टोन को निकाल दिया गया है। एक छोटा स्टोन किडनी में है, इस कारण उसे निकाला नहीं गया। क्रांति का कहना है कि 10 दिन के आराम के बाद वह भारत जोड़ो यात्रा में फिर से शामिल होंगी। वह अभी तक निरंतर पदयात्रा में चल रही थीं। किडनी में स्टोन के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीएंगी तो वह खुद ही बाहर निकल जाएगा।
यात्रा के कोऑर्डिनेटर हैं दिग्विजय सिंह
कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज 86वां दिन है। इस यात्रा में 119 यात्री कन्याकुमारी से कश्मीर तक का सफर पैदल तय करने के लिए निकले हैं। रास्ते की तकलीफों को झेलते हुए यात्रा मध्यप्रदेश से राजस्थान की ओर बढ़ रही है। 4 दिसंबर को आगर मालवा से होकर यह यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी। इस यात्रा के कोऑर्डिनेटर और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी राहुल के साथ पदयात्रा कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह हर एक यात्री की सेहत पर नजर बनाए रहते हैं।
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राहुल गांधी की यात्रा में लव स्टोरी
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने मध्यप्रदेश में बुरहानपुर से एंट्री ली थी। राहुल ने इस शहर को 'मोहब्बत का शहर' बताया, मोहब्बत की एक कहानी उनकी ही यात्रा से भी निकलकर आई है। एक भारत यात्री से मिलने के लिए उनकी पत्नी 600 किलोमीटर से ज्यादा का सफर कर हैदराबाद से इंदौर आ गईं। पत्नी प्रोफेसर हैं, तो पति तेलंगाना के कांग्रेस नेता। दोनों की लव कम अरेंज मैरिज हुई थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
भारत जोड़ो यात्रा के कैंप में क्रिकेट और घुड़सवारी
भारत जोड़ो यात्रा का आज विश्राम का दिन है। उज्जैन के सुरासा में श्री गुरू सांदीपनि इंस्टीट्यूट में बने कैंप साइट पर आज माहौल बदला हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राहुल गांधी आज देर तक सोए हैं। बाकी यात्री भी आज सुबह 8 बजे जागे हैं। कुछ लोग यहां क्रिकेट खेलते दिखे। कुछ घुड़सवारी करते हुए, तो कुछ कैरम खेलते हुए। कई यात्री अपने जूते धो रहे हैं। कुछ यात्री शॉपिंग के लिए बाहर निकले हैं। दिग्विजय सिंह 11.30 बजे के बाद कंटेनर से बाहर आए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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