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डाउनलोड करेंमुख्यमंत्री के नाम पर भोपाल के हॉस्पिटल मालिक से 1.11 करोड़ की डिमांड करने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को सीएम ऑफिस का स्टाफ बताया था। उन्होंने कॉल स्पूफिंग के जरिए डॉक्टर को कॉल कर कहा- ED की रेड पड़ने वाली है, रकम दे दो... छापा नहीं पड़ेगा।
आरोपियों ने भोपाल के LBS हॉस्पिटल के मालिक डॉ. भूपेंद्र श्रीवास्तव को ये कॉल किया था। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि उनके मोबाइल पर CM हाउस और CM ऑफिस के नंबर भी शो हो रहे थे। यह देख हॉस्पिटल मालिक हैरान रह गए। उन्होंने पुलिस को खबर की, तो कॉल करने वाले दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए।
फर्जी कॉल के लिए चीन, ब्रिटेन और अमेरिका के सर्वर का यूज
भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सीहोर के एलम सिंह परमार और देवनारायण रघुवंशी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब से कॉल नंबर स्पूफिंग सीखी, साथ ही एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीस के बॉयफ्रेंड और महाठग सुकेश चंद्रशेखर के फ्रॉड करने का तरीका भी देखा।
इसके बाद वे CM हाउस और CM ऑफिस के नंबरों से कॉल कर अस्पताल में छापे की धमकी देने लगे। उन्होंने फर्जी कॉल करने के लिए चीन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों के सर्वर का इस्तेमाल किया।
CM ऑफिस का स्टाफ बताकर डॉक्टर को दी धमकी
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने खुद को CM ऑफिस का स्टाफ बताकर डॉ. भूपेंद्र श्रीवास्तव को कॉल लगाया। कहा- CM साहब ने निर्देशित किया है कि आपके यहां ED की रेड पड़ने वाली है। इसके लिए अवगत करा रहा हूं। ED के डायरेक्टर से आपकी मीटिंग करा दी जाएगी। छापा नहीं पड़ेगा। इसके लिए आपको 1 करोड़ 11 लाख रुपए देने होंगे। 1 लाख रुपए चंदे के रूप में भाजपा संगठन को देने होंगे। 1.10 करोड़ रुपए हमें देने होंगे।
आरोपियों ने फर्जी कॉल करने की ट्रेनिंग भी ली
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने कॉल नंबर स्पूफिंग के जरिए डॉक्टर, ज्वेलर्स को फोन किया। घरवालों को शक नहीं हो इसके लिए चाणक्यपुरी, कंचन मार्केट भोपाल नाके में कमरा किराए पर लिया। यहां पर फर्जी कॉल करने की ट्रेनिंग भी ली। इंटरनेट से ही CM हाउस, CM ऑफिस समेत दूसरे डिपार्टमेंट्स के नंबर हासिल किए।
ईडी का डर दिखाकर दे रहे थे डॉक्टर को धमकी
एडिशनल DCP शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि LBS हॉस्पिटल के मालिक डॉ. भूपेंद्र श्रीवास्तव ने पुलिस में शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि उनके मोबाइल पर शासकीय और जनप्रतिनिधि कार्यालयों सहित मुख्य सचिव कार्यालय, CM हाउस के नंबर से फोन आ रहे हैं। ED छापे का डर दिखाकर पैसों की मांग की जा रही है।
पुलिस ने नंबर ट्रेस कर आरोपियों को पकड़ा
पुलिस ने जब जांच की तो यह साफ हो चुका था कि CM ऑफिस और हाउस से डॉक्टर को कॉल नहीं किए गए। जांच के लिए 4 टीम गठित की गई। पता चला कि आरोपियों ने कॉल नंबर स्पूफिंग के जरिए डॉक्टर को धमकी दी। नंबर ट्रेस कर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एप में CM हाउस का नंबर फीड कर दिया था
एडिशनल DCP ने बताया कि आरोपियों ने डॉक्टर को अपने मोबाइल से फोन किया था। उन्होंने कॉल नंबर स्पूफिंग एप के जरिए अपने नंबर की जगह CM हाउस का नंबर फीड कर दिया था। इससे डॉक्टर के मोबाइल में CM हाउस का नंबर शो हो रहा था। पुलिस ने जब इनकी कॉल रिकार्ड देखी तो पकड़े गए।
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क्या है कॉल स्पूफिंग या स्पूफ कॉल?
ऐसे फोन कॉल को स्पूफ कॉल कहा जाता है, जिसमें फोन लगाने वाला यह तय करता है कि जिसे वह कॉल कर रहा है, उसे कौन सा नंबर दिखे। स्पूफिंग मोबाइल नंबर या मैसेज स्पूफिंग कॉलर आईडी का यूज कर VOIP बेस्ड सॉफ्टवेयर या क्रेजी कॉलर वेबसाइट के जरिए की जाती है। VOIP सॉफ्टवेयर से फेक कॉल की जाती है, जबकि क्रेजी कॉलर के जरिए मैसेज स्पूफिंग की जाती है। इसमें जालसाज इस तकनीक का प्रयोग कर कॉलर आईडी में हेरफेर कर आपको किसी अन्य लोकेशन व अन्य व्यक्ति का नंबर दिखा सकते हैं।
देश में स्पूफिंग को रोकने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं
देश में स्पूफिंग के जरिए किए जाने वाले कॉल, मैसेज या ई-मेल की पहचान करने का कोई पुख्ता तरीका मौजूद नहीं है। न ही इसे रोकने का कोई कारगर उपाय है। हालांकि, ट्राई (टेलीकॉम रेग्युलेटरी एंड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने इस तरह की सुविधा मुहैया कराने वाले सॉफ्टवेयर, वेबसाइटों या एप पर प्राथमिक रोक लगा रखी है। लेकिन, यह रोक सिर्फ भारत में है। लोग प्रॉक्सी सर्वर या वीपीएन के जरिए प्रतिबंधित एप या वेबसाइट का प्रयोग कर स्पूफिंग कर रहे हैं।
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