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सेहत से खिलवाड़ क्यों?:15 दिन में 7260 पॉजिटिव, 1189 ने दिया गलत पता, 923 को ढूंढने में लगाई पुलिस; लापता 266 पर केस दर्ज होगा

भाेपालएक वर्ष पहलेलेखक: विवेक राजपूत
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जेपी का फीवर क्लीनिक। - Money Bhaskar
जेपी का फीवर क्लीनिक।

कोरोना जांच कराने के दौरान कई लोग पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा रहे हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर काेविड कॉल सेंटर की टीम का इनसे संपर्क ही नहीं हो पाता है। प्रशासन ने इन पर अब सख्ती शुरू की है। ऐसे लोगों का पता लगाने पुलिस की मदद ली जा रही है। यही नहीं, ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराने की भी तैयारी है।

पिछले 15 दिनों में शहर में एक लाख से ज्यादा लोगों के सैंपल की जांच की गई। इनमें 7260 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इनमें से 1189 पॉजिटिव ने तो अपना पता या मोबाइल नंबर ही गलत लिखाया है। ऐसे में टीमों को इन्हें सर्च करने में पुलिस की मदद लेनी पड़ रही है। अब तक 923 मरीजाें को ट्रेस किया जा चुका है। जबकि, 266 को ट्रेस करने की कोशिश पुलिस और कॉल सेंटर की टीमें कर रही हैं। रविवार को शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 5,623 थी।

गलत जानकारी देने की 3 वजह

  • टीम घर पहुंचेगी और आसपास के लोगों को ये पता चलेगा कि उनको कोरोना हुआ है।
  • टीम 10 दिन के लिए होम आइसोलेशन में रखेगी और उनको इस पाबंदी में रहना पड़ेगा।
  • कोविड कॉल सेंटर से हररोज होने वाली मॉनीटरिंग के लिए इनके पास हररोज कॉल आएंगे और उनका हालचाल पूछा जाएगा।

पुलिस ने मरीजों को इस तरह ट्रेस किया

केस-1 शाहपुरा का पता दिया, वहां नहीं मिली, माेबाइल भी बंद
सिस्टर सलोम की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन, जब उन्हें ट्रेस करना चाहा तो मोबाइल बंद मिल रहा था। शाहपुरा का जो पता दिया था, वहां नहीं मिली। टीम ने पुलिस का सहयोग लिया। पुलिस ने पूछताछ की तब उसकी सहेली के बारे में पता चला। उनसे पूछताछ के बाद कोलार स्थित क्लीनिक में भर्ती मिलीं। तब उन्हें काटजू अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया।

केस-2 परिवार के लोग पॉजिटिव आते रहे, लेकिन फोन ही नहीं उठाते

विकास जैन की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। विकास को फोन लगाया तो उठाया नहीं। अगले दिन परिवार के दो लाेग और पॉजिटिव आए। फिर विकास का नंबर दिया, जो नहीं उठा। परिवार के चार लोग और पॉजीटिव आए। इनमें तीन ने पुराना नंबर दिया, लेकिन एक का नंबर अलग था। उस नंबर को पुलिस ने ट्रेक किया और पता 42 न्यू एमएलए क्वार्टर निकला।

कुछ लोग कोरोना जांच के दौरान अपना पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा रहे हैं। इनको ट्रेस करने के लिए पुलिस की मदद ली जा रही है। अब ऐसे मामलों में केस दर्ज कराए जाएंगे। -संदीप केरकेट्‌टा, एडीएम

कोरोना संदिग्ध की मौत, दो दिन पहले बिगड़ी थी तबीयत

बाणगंगा की नाजमीन 14 जनवरी की सुबह 8 बजे मुंह धोने के दौरान चक्कर खाकर गिर गई थीं। परिजन उन्हें तुरंत एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टराें ने ब्रेन हेमरेज होना बताया। अगले दिन परिजनों ने उन्हें एम्स में भर्ती किया था। इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने उनकी कोरोना जांच कराई थी। पहली बार में तो रिपोर्ट निगेटिव थी। इसके बाद आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया था।

रिपोर्ट आती, इससे पहले ही रविवार सुबह उनका निधन हो गया। रिपोर्ट अभी नहीं आई है, ऐसे में एम्स की ओर से शव कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही दिया गया। ऐसे में महिला का अंतिम संस्कार झदा कब्रिस्तान में किया गया। इधर, राज्य शिक्षा केंद्र में 4 अधिकारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।