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डाउनलोड करेंपॉलिटेक्निक चौराहा से कमला पार्क तक रोजाना दिन में कई बार जाम के हालात बनते हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह बन रहा है यहां बीआरटीएस का डेडिकेटेड कॉरिडोर। 6 मीटर की डेडिकेटेड लेन खाली पड़ी रहती है और इसके दोनों ओर 13 मीटर सड़क पर एक घंटे में 8 हजार गाड़ियां गुजरती हैं।
ऐसे में यहां हर 15 मिनट में जाम लता है। इतनी गाड़ियों को गुजरने के लिए दोनों ओर 3-3 मीटर की लेन और चाहिए। यानी यदि कॉरिडोर तोड़ दिया जाए तो नए और पुराने भोपाल को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण सड़क पर ट्रैफिक जाम की समस्या समाप्त हो सकती है।
दरअसल, पॉलिटेक्निक चौराहा के दोनों ओर शहर के दो बड़े कॉलेज हैं। सड़क से ही लगा हुआ बाजार है और एक पेट्रोल पंप भी है। इसका नतीजा यह है कि सड़क के दोनों ओर 3-3 मीटर के हिस्से में गाड़ियां पार्क हो जाती हैं। नतीजा 13 मीटर की सड़क घटकर कई बार 9 मीटर तक रह जाती है। इस सड़क पर ट्रैफिक को व्यवस्थित करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि प्रोफेसर कॉलोनी और सिविल लाइंस के साथ श्यामला हिल्स का ट्रैफिक भी यहां मिलता है।
साइकिल ट्रैक को टू व्हीलर लेन बनाने की जरूरत
बीआरटीएस कॉरिडोर के कारण शहर में सबसे अधिक समस्या होशंगाबाद रोड पर है। यहां 6 मीटर का कॉरिडोर खाली पड़ा रहता है और पीक अॉवर में यहां पर 20 हजार वाहन शेष 14 मीटर के हिस्से में गुजरते हैं। इसके चलते मिसरोद से हबीबगंज और एमपी नगर आना-जाना शायद सबसे मुश्किल काम हो गया है। इसके लिए 6 मीटर के डेडिकेटेड कॉरिडोर को हटाने के साथ ही साइकिल ट्रैक को भी टू व्हीलर लेन बनाने की बात विशेषज्ञ कहते हैं। क्योंकि राजधानी में सड़क पर चलने वाले 70 फीसदी वाहन टू व्हीलर हैं।
रोजाना वीआईपी मूवमेंट भी रहता है इस सड़क पर
राज भवन और मुख्यमंत्री निवास के साथ कई मंत्रियों के बंगलों को जोड़ने वाली इस सड़क पर दिन में कई बार वीआईपी ट्रैफिक का मूवमेंट भी होता है।
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