पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंजिला अस्पताल में भर्ती मरीज ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर हैं। अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों के कक्ष में तो हीटर लगवा दिए लेकिन मरीजों के वार्डों में ठंड से बचाव के ठोस इंतजाम नहीं किए हैं। इससे अस्पताल में भर्ती मरीज अस्पताल के कंबल में ठिठुर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज घर से कंबल व रजाई या अस्पताल के बाहर से किराए से लेकर इलाज करा रहे हैं। जिला अस्पताल में दो वर्ष पहले हजारों रुपए की लागत से हीटर खरीदे थे।
इन हीटरों को अस्पताल प्रबंधक ने अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में लगवाया था। पिछले वर्ष भी अस्पताल में मरीजों को ठंड से बचाने के लिए अस्पताल में हीटर लगाए थे। लेकिन इस बार जिले में ठंड का तीस साल का रिकार्ड टूटने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक अस्पताल में हीटर लगवाने की व्यवस्था नहीं की है। इससे अस्पताल में भर्ती मरीज ठंड के कारण परेशान हो रहे हैं।
अस्पताल के विभिन्न वार्डों की लाइव स्थिति सर्जीकल वार्ड 12:54: जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीज दोपहर 12:30 बजे 14 डिग्री तापमान में ठंड से ठिठुर रहे थे। वार्ड में भर्ती कुछ मरीज अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिए गए कंबल लिए हुए थे। वहीं कुछ मरीज अपने घरों से कंबल व रजाई लेकर आराम कर रहे थे। वहीं वार्ड के नर्सिंग रूम में चल रहे हीटर को नर्स और अन्य कर्मचारी ताप रहे थे। मेडीकल वार्ड 1:12: जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भी एक भी हीटर नहीं लगा था। ऐसे में मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीज ठंड के कारण परेशान हो रहे थे। ठंड का समय हृदय और बीपी के मरीजों के साथ बुजुर्ग मरीजों के लिए खतरनाक रहता है। इसके बाद भी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ठंड से बचने के इंतजाम नहीं थे। अधिकतर मरीज अपने घरों व किराए से लिए गए रजाई व कंबल के सहारे ठंड से बचने का प्रयास कर रहे थे। वहीं दोनों वार्ड के नर्सिंग रूम में हीटर लगे थे।
आईसीयू वार्ड 12:58 जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भी भर्ती मरीज ठंड से परेशान हो रहे थे। आईसीयू वार्ड में भर्ती अधिकतर मरीज हाईबीपी या हृदय संबंधी बीमारियों के कारण भर्ती थे। ठंड से हृदय संबंधी मरीजों को सबसे अधिक खतरा होता है इसके बाद भी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में एक भी हीटर नहीं लगा था। मरीज घर से लाए हुए कंबल और रजाई के सहारा ठंड से बचने का प्रयास कर रहे थे।
डिलिवरी वार्ड 1:06 जिला अस्पताल के डिलेवरी वार्ड में भर्ती प्रसूता महिलाएं भी दोपहर 1:05 बजे करीब 15 डिग्री तापमान में अस्पताल के कंबल में ठिठुर रहीं थी। कई महिलाएं अपने घरों से लाए हुए रजाई और कंबल की सहायता से रात काट रहीं थीं। डिलेवरी वार्ड में भी हीटर नहीं लगे थे। वहीं रात में जहां तापमान 4 डिग्री से भी कम हो जाता है ऐसे में मरीजों की स्थिति और भी खराब हो जाती हैं।
शिशु वार्ड 1:03 जिला अस्पताल के शिशु वार्ड के भी यही हाल थे। शिशुवार्ड में भर्ती बच्चे ठंड के कारण ठिठुर रहे थे। जिला अस्पताल में जिले भर से मरीज इलाज कराने आते हैं। बाहर से आने वाले मरीज अपने साथ कपड़े नहीं ला पाते हैं। यह लोग अस्पताल के बाहर से 20 रुपए रोज में रजाई लेकर ठंड से बचने क प्रयास कर रहे हैं। शिशु वार्ड में भी हीटर नहीं लगे थे। वहीं नर्सिंग रूम में हीटर लगे थे।
सभी वार्डाें में लगवाएंगे एक-दो दिन में हीटर हमने अस्पताल के लिए करीब 10 दिन पहले ही हीटर खरीदे हैं। हम उन्हें एक-दो दिन में अस्पताल के सभी वार्डों में लगवा देंगे। इसके साथ ही ठंड से बचने के लिए मरीजों को दो-दो कंबल देने की व्यवस्था कल से ही कराई जाएगी।, जिससे कड़ाके की ठंड के समय मरीजों को परेशान न होना पड़े। इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी सुदृढ़ की जाएंगी। ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. डीके भार्गव, सिविल सर्जन जिला अस्पताल अशोकनगर
गर्म हवा फेंकने वाले ब्लोअर हीटर लगवाएंगे इसके बावजूद मरीजों को ठंड से बचाने के लिए वार्ड में गर्म हवा फेंकने वाले ब्लोअर हीटर लगवा दिए जाएंगे। इसके लिए हमने अस्पताल के इलेक्ट्रिशियन को हीटर लाने के लिए भेज दिया गया है। यह हीटर अस्पताल के पीएनसी वार्ड, मेल फीमेल वार्ड सहित उन वार्डों में लगाए जाएंगे जहां मरीजों को ठंड से ज्यादा परेशानी हो रही है। इसके अलावा भर्ती मरीजों से ठंड से बचने के लिए दो-दो कंबल देने के निर्देश भी नर्सों को दे दिए हैं। डॉ. प्रशांत दुबे, मैनेजर, जिला अस्पताल अशोकनगर
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.