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डाउनलोड करेंरेलवे के झांसी मंडल ने ग्वालियर और बुंदेलखंड संभाग के 15 रेलवे स्टेशनों को उच्चीकरण हेतु अमृत भारत स्टेशन स्कीम में शामिल किया है। जिसके चलते अब इन 15 स्टेशनों पर 17 प्रकार के बदलाव किए जाएंगे। इनमें रेलवे स्टेशन व रोड का चौड़ीकरण, उच्च स्तरीय प्रकाश व्यवस्था और स्टेशन पर वेटिंग हॉल का विस्तार कराया जाएगा। यहां बता दें कि भिंड रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में गाड़ियों की संख्या तो ज्यादा नहीं है लेकिन भविष्य में इस रूट से बड़ी संख्या में गाड़ियां चलेंगी यह निश्चित है। वर्तमान में रतलाम, ग्वालियर, झांसी, इटावा के बीच चार गाड़ियां चल रही हैं।
हालांकि लंबी दूरी तय करने वाली यात्री व माल गाड़ियां स्टेशन होकर गुजरती हैं लेकिन यह रुकती नहीं हैं। स्टेशन पर वर्तमान में दो प्लेटफार्म हैं। एक अप और दूसरा डाउन रेलवे ट्रैक है। यात्री सुविधाओं पर दृष्टिपात किया जाए तो अन्य स्टेशनों की तुलना में खासा अभाव है। लेकिन अब यह समस्या दूर होने जा रही है। एक साल बाद न केवल भिंड रेलवे स्टेशन सुंदर दिखेगा बल्कि ट्रेनों की रफ्तार के साथ ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। अमृत भारत स्टेशन
स्टेशन पर यह काम होंगे
सभी चयनित स्टेशनों के फसाड में सुधार कराया जाएगा।
प्रवेश द्वार का चौड़ीकरण होगा।
उच्च स्तरीय प्रकाश व्यवस्था होगी।
स्टेशन वेटिंग हॉल का विस्तार होगा। { स्टेशन पर उपलब्ध अनुपयोगी स्थान को जोड़ते हुए एग्जीक्यूटिव लाउंज का विस्तार होगा।
सर्कुलेटिंग एरिया के प्रत्येक तरफ साइनेज।
अप्रोच सड़क का चौड़ीकरण होगा।
पैदल चलने वालों के लिए रास्ता, वाहन का प्रवेश/अस्तित्व, प्रकाश व्यवस्था के साथ पार्किंग क्षेत्र बनेगा। {स्टेशनों की लैंड स्केपिंग, भूनिर्माण, हरे पैच और स्थानीय कला।
आवश्यकतानुसार संभावित बदलाव
स्टेशन की दूसरी एंट्री के लिए सिटी प्लानर के अनुसार दूसरी एंट्री और सर्कुलेटिंग एरिया का विकास।
पार्सल (चरणों में) वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म, रिटायरिंग रूम, कार्यालयों में फर्नीचर।
बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिव्यांगजन सुविधाएं।
एलईडी आधारित स्टेशन नाम बोर्ड तथा फसाड लाइटिंग।
महिलाओं, दिव्यांगजनों के लिए पर्याप्त शौचालय।
नई सुविधाओं के निर्माण के लिए भविष्य में नए भवन की आवश्यकता।
भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर रूफ प्लाजा। दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वाई-फाई का प्रावधान।
स्टशन की दूसरी एंट्री के लिए सिटी प्लानर के अनुसार दूसरी एंट्री और सर्कुलेटिंग एरिया का विकास।
पार्सल (चरणों में) वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म, रिटायरिंग रूम, कार्यालयों में फर्नीचर।
बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिव्यांगजन सुविधाएं।
एलईडी आधारित स्टेशन नाम बोर्ड तथा फसाड लाइटिंग।
महिलाओं, दिव्यांगजनों के लिए पर्याप्त शौचालय।
नई सुविधाओं के निर्माण के लिए भविष्य में नए भवन की आवश्यकता।
भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर रूफ प्लाजा।
दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वाई-फाई का प्रावधान।
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