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डाउनलोड करेंसर्दी का सितम बढ़ने के बाद मवेशियों की जान पर आफत बन आई है। शहर में पिछले पांच दिन से हर रोज 15 से 20 गायों की मौत हो रही है। मृत मवेशी के शव का नगरपालिका तत्काल उठाव नहीं करवा पा रही है। कारण यह है कि नगरपालिका ने जिसे मृत मवेशी के शव को उठाने की जिम्मेदारी दी है, वह शाम पांच बजे के बाद अपना मोबाइल फोन ही स्विच ऑफ कर लेता है। वहीं नगरपालिका भी ठेकेदार पर ज्यादा दबाव नहीं पा रही है। बता दें कि पिछले एक सप्ताह से ठंड का असर काफी बढ़ गया है।
हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से राहत पाने के लिए लोग तो गर्म कपड़ों का सहारा लेकर राहत पानी की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आवारा बेजुबान पशुओं के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है। आलम यह है इन दिनों न्यूनतम पारा 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, ऐसे में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वाली गाय और मवेशियों ठंड का शिकार हो रही है, जिससे उनकी असमय मौत हो रही है। नगरपालिका की मानें तो सर्दी के मौसम में आठ से 10 गायों की हर रोज मौत हो रही थी। लेकिन ठंड का कहर बढ़ने के बाद यह आंकड़ा 15 से 20 पर पहुंच गया है। पिछले पांच दिनों में 100 के करीब गायों की मौत हो चुकी है।
तीन साल से नहीं हुआ ठेका, पांच मस्टर कर्मचारी का दे रहे वेतन
नगरपालिका सूत्रों की मानें तो पिछले तीन साल से शहर में आवारा मवेशी के शव को उठाने का ठेका नहीं हुआ है। इसके पीछे कारण यह है कि उत्तरप्रदेश में शेल्टर हाउस बंद होने के बाद कोई भी व्यक्ति अब शव उठाने का ठेका लेने को राजी नहीं है। ऐसे में नगरपालिका वर्तमान ठेकेदार को पांच मस्टर कर्मचारियों का वेतन, 10 लीटर डीजल और एक ट्रेक्टर देकर व्यवस्था का संचालन कर रही है। वहीं ठेकेदार भी नगरपालिका की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाकर अपनी मर्जी के अनुसार काम कर रहा है।
मृत मवेशियों के शव को समय से उठाने नहीं आ रहे ठेकेदार
शहर में हर रोज 15 से 20 गाय और मवेशियों की मौत हो रही है। जबकि नगरपालिका द्वारा इन मवेशियों के शव को उठाने के लिए नियुक्त किया गया ठेकेदार उन्हें समय से उठाने नहीं आ रहा है। लोगों की मानें तो पांच से सात बार फोन करने के बाद 24 से 48 घंटे में मवेशी के शव को उठाया जा रहा है, जिससे लोगों की भावनाएं भी आहत हो रही है। हालांकि नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि मवेशियों के शव को उठाने वाला ठेकेदार एक है। जबकि इन दिनों मवेशियों ज्यादा मर रही है, जिससे यह दिक्कत आ रही है।
कम पड़ रहे अलाव, ठंड की वजह से मवेशियों की जान पर बन रहा संकट
ठंड के मौसम में आवारा पशुओं सर्दी से बचाने के लिए नगरपालिका ने शहर में कई स्थानों पर अलाव तो जलाए हैं। लेकिन शहर में आवारा पशुओं की संख्या की तुलना ये ऊंट के मुंह में जीरा के समान हो रहे हैं। स्थिति यह है कि आवारा गायें और मवेशियों रात के समय ओस से बचने के लिए घर, मकान और दुकान के बाहर लगे टीनशेड और छज्जे के नीचे खड़े होकर सर्दी से बचने का प्रयास करती है। लेकिन इस कड़ाके की ठंड में उसका भी फायदा नहीं मिल रहा और ठंड की वजह से आवारा मवेशियों की मौत् हो रही है।
शव उठवाने वाला ठेकेदार शाम 5 बजे बंद कर लेता है मोबाइल, सफाई- शव दफनाने फूप जाना होता है
मवेशियों की ज्यादा मौत होने से आ रही समस्या
यह सही है कि इन दिनों गायों की मौत ज्यादा हो रही है, जिससे उन्हें तत्काल उठवाने में समस्या आ रही है। ठेकेदार शाम पांच बजे के बाद मोबाइल इसलिए बंद कर लेता है कि मृत मवेशियों के शव को दफनाए जाने के लिए फूप ले जाया जाता है। इन दिनों हर रोज 15 से 20 गाय की मौत हो रही है। कोशिश करते हैं कि जल्द से शव उठवा सकंे।
- राजवीर सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगरपालिका भिंड
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