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डाउनलोड करेंबालाघाट जिले में नाबालिगों के गुमशुदा या बहला-फुसलाकर ले जाने के मामलों में इजाफा हुआ है। कोतवाली सहित जिले के लगभग हर थाने में कई परिजनों ने बेटे या बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। बालाघाट पुलिस ने ऐसे मामलों में इजाफे को गंभीरता से देखते हुए मुस्कान अभियान चलाया, जिसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।
ऐसे लंबित मामलों में पुलिस की योजनाबद्ध कार्रवाई के चलते कई परिवारों में दोबारा खुशियां लौटीं तो कई अपराधी सलाखों के पीछे चले गए। विभागीय जानकारी के अनुसार, जिले में 16 फरवरी से 31 मार्च तक यानी 44 दिनों तक पुलिस ने यह अभियान चलाया है, जिसमें अब तक 66 मामलों को सुलझाने पुलिस जुटी हुई है।
अभियान के दौरान दर्ज हुए 44 प्रकरण
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के निर्देशन और तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी के मार्गदर्शन में जिले के सभी थानों में किडनैप बालक-बालिकाओं को ढूंढने के लिए मुहिम छेड़ी गई थी। 16 फरवरी से 31 मार्च तक चले अभियान के दौरान भी जिले के अलग-अलग थानों में गुमशुदगी और बहला-फुसलाकर अपहरण के 44 मामले पंजीबद्ध किए गए।
वहीं अभियान शुरू होने की तिथि 16 फरवरी तक की स्थिति में जिले भर में कुल 85 प्रकरण दर्ज थे। इस तरह पुलिस ने कुल 110 प्रकरणों में से 44 अपहृत बालक-बालिका को छुड़ाने में सफलता हासिल की। शेष लंबित 66 प्रकरणों में जांच की जा रही है।
अपहृत मामले में बालिकाएं ज्यादा
आंकड़ों पर गौर करें तो अपहरण के इन मामलों में सबसे ज्यादा संख्या बालिकाओं की दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार, 15 फरवरी की स्थिति तक अपहरण के 85 मामलों में बालिकाओं की संख्या 66 और बालकों की 19 थी। वहीं अभियान के दौरान दर्ज केसों में 22 बालिकाओं और सिर्फ 3 बालकों के अपहरण या गुमशुदा के प्रकरण दर्ज हुए।
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