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डाउनलोड करेंजिले में बढ़ते कोरोना के ग्राफ का कारण लोगों की लापरवाही के साथ ही जांच के लिए सिर्फ एक फीवर क्लिनिक होना है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप को देखने के बाद केंद्र सरकार ने घर बैठे कोरोना की जांच करने किट तैयार की थी, लेकिन जिले में इस तरह की किट ना ही मेडिकल स्टोर में है और ना ही सर्जिकल स्टोर में।
कोविड होम एंटीजन किट या इससे मिलती-जुलती किट जिले में कहीं भी उपलब्ध नहीं है। वहीं मेडिकल स्टोर में पिछले 15 से 20 दिनों में सबसे अधिक डिमांड सर्दी-जुकाम और बुखार की दवाइयों की है। मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड 50 फीसदी तक बढ़ गई है।
कोरोना जांच करवाने से कतरा रहे लोग
ये बात भी सामने आई है कि लोगों को कोरोना के लक्षण महसूस होने के बाद भी वे कोरोना जांच कराने से कतरा रहे हैं। जनता की ये लापरवाही न सिर्फ कोरोना के गिरफ्त में आने का निमंत्रण दे रही है, बल्कि जिले में कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे को भी बढ़ा रही है।
जब कोरोना नहीं था तब हुई थी मार्केटिंग
हनुमान चौक स्थित मेडिकल शॉप के संचालक अमित हीरावत ने बताया कि शहर में अब तक होम कोविड टेस्ट किट के उपलब्ध होने की जानकारी नहीं है। ना ही शॉप में किट को लेकर अब तक किसी कस्टमर ने डिमांड की है।
हीरावत ने बताया कि दूसरी लहर थमने के बाद जरूर इस किट की मार्केटिंग के लिए मेडिकल रिप्रजेंटेटिव्स (एमआर) ने मेडिकल स्टोर और एजेंसियों से संपर्क किया था, लेकिन ना एमआर किट का ऑर्डर लेने आ रहे हैं और ना ही कस्टमर से इसकी डिमांड है।
20 से 30 प्रतिशत बढ़ी सर्दी-जुकाम की दवाइयों की मांग
जानकारी के अनुसार, इन दिनों दवा दुकानों में सबसे अधिक सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोग दवाइयां लेने पहुंच रहे हैं। दवा दुकान संचालकों की मानें तो पिछले 15 दिनों में पैरासिटामोल, सिट्रिजन सहित अन्य दवाइयों की मांग 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है।
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