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डाउनलोड करेंराहुल गांधी ने आगर में एक सभा को संबोधित करते हुए 'जय श्रीराम', 'जय सियाराम' और 'हे राम' के नारों की अपने अंदाज में व्याख्या की। उन्होंने यात्रा में मिले एक पंडित जी से संवाद के हवाले से तीनों नारों को समझाया और इनके जरिए बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा।
राहुल गांधी ने कहा - पंडित जी ने मुझसे गहरा सवाल किया। कहते हैं राहुल जी जो भगवान राम थे, वो तपस्वी थे, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी तपस्या में डाल दी। गांधी जी हे राम कहते थे। गांधी जी का नारा था हे राम। हे राम का मतलब क्या? हे राम का मतलब राम एक जीने का तरीका था, भगवान राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, जिंदगी जीने के तरीके थे। उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका सिखाया।
राहुल गांधी ने तीनों नारों की व्याख्या इस तरह की -
पहला नारा - 'हे राम' - गांधी जी हे राम कहते थे। गांधी जी का नारा था हे राम। हे राम का मतलब क्या? हे राम का मतलब राम एक जीने का तरीका था, भगवान राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, एक जिंदगी जीने का तरीका थे, प्यार, भाईचारा, इज्जत, तपस्या, उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका सीखाया। गांधी जी हे राम कहते थे, उनका मतलब था, जो भगवान राम है, वो भावना हमारे दिल में है। और उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीना है। ये हैं हे राम।
दूसरा नारा - 'जय सियाराम' इसका मतलब क्या है? जय सीता और जय राम, मतलब सीता और राम एक ही हैं। इसलिए नारा है जय सियाराम या जय सीताराम। भगवान राम सीता जी की इज्जत के लिए लड़े। हम जयसिया राम कहते है और समाज में महिलाओं का सीता की तरह आदर करते हैं।
तीसरा नारा - 'जयश्री राम' - इसमें हम राम भगवान की जय कहते है। पंडित जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में पूछिए कि बीजेपी के लोग जय श्रीराम करते हैं, लेकिन जय सियाराम और हे राम क्यों नहीं करते। आरएसएस और बीजेपी के लोग, जिस भावना से भगवान राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से जिंदगी नहीं जीते हैं। राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। राम ने समाज को जोड़ने का काम किया। राम ने सबको इज्जत दी। आरएसएस और बीजेपी के लोग भगवान राम के जीने के तरीके को नहीं अपनाते। वो सियाराम और सीताराम कर ही नहीं सकते, क्योंकि उनके संगठन में एक महिला नहीं है, तो वो जयसिया राम का संगठन ही नहीं है, उनके संगठन में सीता तो आ ही नहीं सकती, सीता को तो बाहर कर दिया। ये बातें मुझे एक पंडित जी ने सड़क पर कही।
मैं आरएसएस के लोगों से कहना चाहता हूं कि जय श्रीराम, जय सियाराम और हे राम का प्रयोग कीजिए। सीता जी का अपमान मत कीजिए।
बीजेपी और आरएसएस नफरत फैलाते हैं: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग एक तरफ तो खुद को देशभक्त और राष्ट्रवादी बताते हैं और दूसरी तरफ नफरत फैलाते हैं। वह भाई को भाई से लड़वाते हैं। धर्म को धर्म से लड़वाते हैं।
नोटबंदी और जीएसटी को लेकर फिर केन्द्र पर बरसे
राहुल गांधी ने कहा कि सड़क पर मैं लाखों लोगों से मिला हूं। किसानों से, मजदूरों से, बच्चों से सभी से मिला। किसानों को खाद नहीं मिलता, मिलता है तो महंगा मिलता है। सही दाम नहीं मिलता, हमारा कर्जा माफ नहीं होता। किसान पूछता है, हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों का कर्जा माफ होता है, हमारे कर्जे माफ नहीं होते। राहुल गांधी ने कहा कि किसान और छोटे दुकानदार कहते हैं कि हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों के लिए रास्ता साफ किया जा रहा है। छोटे दुकानदार कहते हैं नोटबंदी और जीएसटी ने हमारे धंधों को खत्म कर दिया।
इससे पहले लंच ब्रेक के बाद यात्रा पालखेड़ी से शुरू हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई हैं। कई महिलाएं तिरंगा साफा बांधकर कदमताल कर रही हैं। सुबह यह यात्रा जनाहा गांव से चली थी। लंच ब्रेक सुमराखेड़ी में हुआ। राहुल गांधी के साथ मीनाक्षी नटराजन, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी अमृता सिंह और विधायक जयवर्धन भी चले। यात्रा अपने 86वें दिन आगर-मालवा जिले में पहुंची। आगर-मालवा जिले में ये यात्रा सबसे लंबी दूरी तय करेगी। यहां यात्रा 3 दिन और दो रात रुक कर 97 किलोमीटर चलेगी। यहीं से यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी।
OBC प्रतिनिधियों से मिले राहुल गांधी
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। राहुल ने उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि हम हर वर्ग की उम्मीदों को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यह यात्रा देश जोड़कर, देशवासियों के सपने पूरे करने की ओर एक सशक्त कदम है।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर और नलखेड़ा में मां बगलामुखी मंदिर के दर्शन करने जा सकते हैं। यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिले में प्रवेश स्थल से लेकर अंतिम छोर तक फ्लैक्स, बैनर, पोस्टर लगा रखे हैं।
कॉमन सिविल कोड की मांग पर ये बोले जयराम रमेश
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश और रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कॉमन सिविल कोड के सवाल पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- इस पर अलग से बात करूंगा। ये भारत जोड़ो यात्रा का विषय नहीं। ये चुनाव के वक्त ऐसा मुद्दा उठाते हैं, जो ध्रुवीकरण को बढ़ावा देता है।
ये राजनीतिक परिवर्तनकारी क्षण है, इवेंट नहीं: जयराम रमेश
बीजेपी के यात्रा को इवेंट बताने के सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो मोमेंट है, इवेंट नहीं। 2017 में आडवाणी से गांधीनगर में पत्रकारों ने पूछा था- नरेंद्र मोदी आपके चेले हैं? उन्होंने कहा था नरेंद्र मोदी मेरे चेले नहीं हैं, लेकिन वो दुनिया के बहुत अच्छे इवेंट मैनेजर है। इवेंट मैनेजमेंट में उनका कोई मुकाबला नहीं। जो इवेंट मैनेज करते हैं, वो हम पर इल्जाम लगाते हैं। ये राजनीतिक परिवर्तनकारी क्षण है, इवेंट नहीं है। इवेंट कभी 140 दिन के लिए नहीं चलता। 12 राज्यों में रोज 24 किमी चलना कोई इवेंट नहीं है। मोदी चलकर दिखाए, अमित शाह चलकर दिखाएं।
जयराम ने स्वरा भास्कर के यात्रा में शामिल होने पर कहा- यात्रा में रोज कोई न कोई जुड़ रहा है। आरएसएस के लोग भी जुड़ रहे हैं। लोग आते हैं। सबका स्वागत है। आज पहली बार पूर्व सैनिक भी आए हैं।
अग्निवीर योजना छल: रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य
रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने कहा- अमीरी-गरीबी के बीच का अंतर बढ़ा, नफरतें फैली, संस्थाओं में निजी सेक्टर का दखल बढ़ा। हमारी यात्रा इनके खिलाफ है। अनुमा आचार्य ने कहा- अग्निवीर योजना छल है। इसमें अपने लोगों की भर्ती करने का प्लान है। जैसे हिटलर ने एसएस आर्मी को बनाया था। अपने ही लोगों को एंट्री दी थी। ये उस तरह की कहानी है। इससे सेना का तो नुकसान है ही, युवा का भी नुकसान है। क्योंकि सेना जिसको ट्रेंड करेगी वो बाहर निकल जाएगा। और युवाओं का नुकसान है कि वो किसी योग्य नहीं रहेंगे। उनको पूर्व सैनिक जैसा सम्मान नहीं मिलेगा।
अनुमा आचार्य ने कहा- बीजेपी ने जैसे अपना छद्म राष्ट्रवाद चलाकर जैसे देशभक्ति की फ्रेंचाइजी लेने की कोशिश की है वो अपने आप में बहुत गलत तरीका है। हमने 1947 से 2015 तक 1500 जहाज खरीदे। उसके बाद हमने सिर्फ 36 रफेल खरीदे। हम कैसे दुश्मन सेना का सामना करेंगे।
अनुमा ने कहा- इस सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन को लागू नहीं किया। हम वेड्रंस के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। जब चुनाव होता है तभी पुलवामा होता है, तभी हमारे सैनिक ठिकानों पर लगातार हमले होते हैं। ये संयोग है या घटना?
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