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डाउनलोड करेंराज्य भर में वैक्सिनेशन की रफ्तार सुस्त है। वैक्सिनेशन शुरू हुए 16 दिसंबर को 11 महीने पूरे हो जाएंगे। 11 महीने से 12 दिन पहले यानी 4 दिसंबर तक झारखंड में पहला डोज 69.71% आबादी को और दूसरा डोज 34.2% को लगा है। राज्य की कुल आबादी 3.47 करोड़ है। 2.41 कराेड़ लोगों को वैक्सीनेट करना है। फिलहाल 1,68,13,951 ने ही पहला डोज लिया है। अब भी 73,07,361 लोग टीके से वंचित हैं।
प्रधानमंत्री ने बीते 3 नवंबर को मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैक्सिनेशन की स्थिति की समीक्षा की थी, तब 30 नवंबर तक 90% आबादी को कवर करना था, जो पूरा नहीं हो सका। अब इसे 30 दिसंबर तक कर दिया है।
राज्य की वर्तमान स्थिति, हर दिन 45 हजार लोगाें को लग रहा पहला डोज
सरकार के अनुसार, रोजाना 2.86 लाख लोगों को फर्स्ट डोज लगाना है। जबकि, राज्य की वर्तमान स्थिति देखें तो मुश्किल से रोजाना 45 हजार लोगों को पहला डोज लग रहा है। न लोग वैक्सिनेशन के लिए रूचि दिखा रहें है और न ही जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सख्त हो रही है।
दूसरे राज्यों में क्या बनाए गए हैं नियम
पूर्व सीएसआईआर प्रमुख ने चेताया-
नए वैरिएंट ओमिक्रॉन पर बोले
सीएसआईआर के पूर्व प्रमुख डॉ. राकेश मिश्रा के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट से ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है। यह हल्के लक्षणों के साथ फैलेगा।
वैक्सीन को जरूरी बताया : डॉ. राकेश ने कहा था कि वैक्सीन नए ओमिक्रॉन वैरिएंट पर भी असरदार है। यह शील्ड की तरह काम करेगी।
कोविड-19 व्यवहार पर बाेले - कई लोग हल्के लक्षण या बिना लक्षण के हैं, जो इसे फैला रहे हैं। 70 से 80% लोगों में लक्षण नहीं है और लोगों को यह सामान्य सर्दी-खांसी लग रहा है। इसलिए मास्क और डिस्टेंसिंग जरूरी है।
अपील... बच्चों की खातिर जांच कराएं, रिपोर्ट आने तक आइसोलेट रहें
रांची रेलवे स्टेशन पर रविवार को जांच के लिए जवान ने यात्रियों को रोका तो धक्का देकर निकल गए। डॉ. पीसी झा ने कहा कि लोगों को बच्चों की खातिर जांच करानी चाहिए और रिपोर्ट आने तक आइसोलेट रहना चाहिए। इस तरह की लापरवाही से ही दूसरी लहर आई थी।
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