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डाउनलोड करेंरांची यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए गुरुवार उपलब्धियों का दिन रहा। आरयू ने केंद्र सरकार के दो प्रतिष्ठानों के साथ रांची विवि ने एमओयू किया। इसमें बीएसएनएल और एमएसटीसी शामिल हैं। बीएसएनएल के साथ करार करने में साइबर सिक्योरिटी का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
वहीं केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत एमएसटीसी के होने से स्क्रैप की ई-नीलामी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ई-नीलामी में पारदर्शिता तो रहने के साथ-साथ कबाड़ से अच्छी कीमत मिलेगी। सबसे अधिक यूज उत्तर पुस्तिकाओं की नीलामी से होगी, क्योंकि रांची विवि में लगभग 1.63 लाख स्टूडेंट्स पढ़ते हैं।
यूजी-पीजी ट्रेडिशनल और प्रोफेशनल कोर्स की विभिन्न परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। उपयोग में लाई गई पुस्तिकाओं की वर्तमान में अच्छी कीमत नहीं मिलती है। ई- नीलामी में विवि प्रशासन को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा पुरानी गाड़ियां, लोहा-लकड़ी, प्लास्टिक समेत अन्य स्क्रैप की बिक्री की जाएगी। एमओयू करते समय वीसी प्रो. कामिनी कुमार, रजिस्ट्रार डॉ. एमसी मेहता, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. प्रीतम कुमार, एमएसटीसी के ब्रांच मैनेजर बसंत नायक, डिप्टी मैनेजर श्रुति सचन, बीएसएनएल के अजय कुमार और साइबर पीस के विनीत कुमार सहित अन्य थे।
इसी सेशन से साइबर सिक्योरिटी कोर्स
बीएसएनएल के साथ करार होने के बाद साइबर सिक्योरिटी का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्स की डिजाइन भी बीएसएनएल करेगी।
साइबर पीस के विनीत कुमार ने बताया कि साइबर सिक्यूरिटी की पढ़ाई इसी सेशन से शुरू की जाएगी। इस कोर्स को छह महीने और एक वर्ष के एडऑन कोर्स के रूप में भी शामिल किया जाएगा।
ज्ञात हो कि कंप्यूटर-इंटरनेट और डिजिटलाइजेशन बढ़ने के साथ साइबर क्राइम के खतरे भी बढ़े हैं। हैकिंग और ब्लैकमेलिंग, स्टॉकिंग, कॉपीराइट, क्रेडिट कार्ड चोरी, फ्रॉड, पोर्नोग्राफी जैसे इंटरनेट के माध्यम से किए जाने वाले सभी अपराधों की जांच में साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की अहम भूमिका होती है।
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