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डाउनलोड करेंजामताड़ा- मिहिजाम मुख्य मार्ग कई स्थानों पर जर्जर हो जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में दुर्घटना की संभावनाएं काफी बढ़ गई है। जामताड़ा से लेकर मिहिजाम तक सड़क की लंबाई 18 किलोमीटर है। सड़क को एक्सप्रेस-वे की मंजूरी भी मिल चुकी है। अर्थात 30 करोड़ की लागत से इस सड़क को बनाया जाएगा। लेकिन अब तक सड़क की हालत में किसी भी प्रकार का कोई सुधार नहीं हुआ है।
जामताड़ा रूपनारायणपुर 419 नेशनल हाईवे के रास्ते में बोदमा, पीपला, गोरईनाला, ढेकीपाड़ा एवं मिहिजाम आता है। इन जगहों पर काफी जनसंख्या में लोग रहते है। सड़क किनारे लोगों की दुकानें भी है। साथ ही साथ आए दिन अखबारों में इन जगहों से सड़क दुर्घटना की खबरें आती रहती है। इन सड़क दुर्घटनाओं का श्रेय जिला प्रशासन, पथ निर्माण विभाग एवं परिवहन विभाग को जाता है क्योंकि सड़क इतनी जर्जर हो गई है कि लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
ऐसी मान्यताएं हैं कि किसी जगह के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए वहां की सड़कें अहम भूमिका का काम करती है किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए वहां की सड़कों को काफी जिम्मेदार ठहराया जाता है अब इन गड्ढे भरें सड़कों से जामताड़ा का विकास किस दिशा की ओर जा रहा है इसका निर्णय यहां की जनता यहां के जनप्रतिनिधि एवं यहां के विभागीय अफसर तय करेंगे।
जर्जर सड़क क्षेत्र के सभी लोग है काफी परेशान
रोजाना इस सड़क से जेजेएस कॉलेज मिहिजाम और सेंट जोसेफ स्कूल कान्वेंट चितरंजन के लिए बच्चे जामताड़ा से मिहिजाम जाते हैं। चितरंजन रेल कारखाना में जामताड़ा से काफी लोग ड्यूटी करने के लिए इसी सड़क से जाते हैं। जितने भी व्यापारी वर्ग के लोग हैं जो बंगाल से अपना माल जामताड़ा लाते हैं या जामताड़ा से व्यापार करने के लिए बंगाल जाते हैं वह सब इसी सड़क पर आश्रित हैं।
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