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डाउनलोड करेंसुभाष चौक के समीप चैती दुर्गा मंदिर परिसर में जन संघर्ष मंच की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष बिरेंद्र मंडल ने किया। बैठक मे रेलवे द्वारा अनधिकृत रूप से बी क्लास ज़मीन में बने घरों और दुकानों को खाली करने का जो निर्देश दिया गया हैं, उसका एकसुर में विरोध किया गया। मौके में उपस्थित मंडल ने कहा कि रेलवे के तरफ से नोटिस जारी कर लोगों को बी क्लास जमीन से हटने का जो फरमान जारी किया गया हैं वह नियम के विरुद्ध हैं।
उन्होंने लैंड एक्विजिशन नियम का हवाला देते हुए कहा की जब ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा रेलवे का परिचालन शुरू किया जा रहा था, उस समय रेलवे परिचालन कार्य से संबंधित अन्य कार्यों जैसे समान रखने, पार्किंग इत्यादि के लिए ए क्लास जमीन के साथ बी क्लास जमीन का सशर्त अधिगृहित किया गया था की रेलवे परिचालन कार्य पूरा हो जाने के बाद रैयतधारी को जमीन वापस कर दिया जाएगा।
कहा कि जब रेलवे का परिचालन कार्य पूर्ण हो गया तब रेलवे के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को जमीन वापस कर दी गई। जिस जमीन को डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने अपने विवेक से नया पर्चा कर जमीन को नए रैयतधारियों के बीच जमीन का बंटवारा कर दिया गया। श्री मंडल ने एसपीटी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि एसपीटी एक्ट में यह उल्लेख हैं की बी क्लास जमीन रेलवे की जमीन नहीं हैं अगर बी क्लास जमीन रेलवे की हैं तो गैंजर रिपोर्ट यह कैसे आया की बी क्लास जमीन रेलवे की नहीं हैं, यह पूर्ण बसोड़ी कार्य के लिए इस जमीन का उपयोग किया जाएगा।
कहा की किसी भी सरकारी परियोजना के जब भी रैयतधारी की जमीन सरकार के द्वारा अधिगृहीत की जाती हैं तो रैयतधारियों को भू-अर्जन अधिकारी के माध्यम से उचित मुआवजा दिया जाता हैं तथा नियम संगत कई बार अधिसूचना जारी कर नोटिस दिया जाता हैं ना की फरमान जारी कर। बैठक में मौजूद लोगों ने अपनी जमीन से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज पेश किया। जामताड़ावासियों की इस जनसमस्या को लेकर रेलवे डीआरएम से मिलकर बात करेंगें। किसी भी कीमत पर रैयतधारियों की अपनी जमीन को खाली नहीं करेंगे।
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