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मेला की समय सीमा बढ़ाने की उठाई मांग:करमदाहा मेला: कोरोना काल के बाद पहली बार लगे मेले में रोजना हो रहा है 40 से 50 लाख रुपए का व्यवसाय

मुरलीपहाड़ी2 महीने पहले
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नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र का प्रसिद्ध करमदाहा मेला अपने उफान पर है। ऐसी भीड़ और नजारा यहां देखने को मिलेगा जहां लोगों को तिल भर पैर रखने की जगह तक नहीं है। चारों और भीड़ भाड़ देखने को मिल रहा है। भीड़ भाड़ के कारण ही मेला में आए दुकानदारों को काफी खुशी हो रही है हालांकि मेला के आरंभ हुए अभी सप्ताह का समय ही हुआ है ऐसी स्थिति में मेला को कुछ दिन और बढ़ाए जाने की मांग मेला कमेटी के लोगों के द्वारा की जा रही है। इस संबंध में मेला कमेटी के अध्यक्ष मुर्शीद अंसारी ने कहा कि 2 साल कोरोना काल के चलते नारायणपुर का प्रसिद्ध करमदाहा मेला प्रशासन के रोक के बाद नहीं लगाया गया था, क्योंकि उस समय कोरोना का प्रकोप पूरे देश में चल रहा था।

जिस कारण झारखंड सरकार के निर्देश पर मेला के आयोजन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई थी। 2 साल के बाद जब करमदाहा मेला का आयोजन किया गया तो आसपास के जिले से लोग यहां अपनी दुकानदारी जमाने के लिए पहुंचने लगे और प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी आये दिन मेला देखने पहुंच रहे हैं। जिस कारण से प्रतिदिन दोपहर के बाद मेला परिक्षेत्र में तिल रखने की जगह नहीं मिल रही है।

लोग भीड़भाड़ को चीरते हुए मेला का आनंद उठा रहे हैं। साथ ही सैकड़ों की संख्या में लगाए गए विभिन्न प्रकार के दुकानों में लोगों की भीड़ देखते ही बन रही है। नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र के आसपास के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों से लोगों की मौजूदगी इस मेले में जहां प्रतिदिन हो रही है वही जामताड़ा जिला के अलावा धनबाद, गिरिडीह, देवघर, मधुपुर एवं आसनसोल से लोगों का यहां आना लगातार हो रहा है। इसी वजह से मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाला यह 15 दिवसीय मेला अभी अपने उफान पर है।

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