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डाउनलोड करेंहाेटलाें में शादी-ब्याह करना अब महंगा पड़ सकता है। खासकर उन हाेटलाें में, जहां बैंक्वेट हाॅल है, लेकिन अभी तक हाेटल संचालक ने निगम से इसका लाइसेंस नहीं लिया गया है। निगम ने अपने राजस्व काे बढ़ाने के लिए इन हाेटलाें काे लाइसेंस के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। ऐसे हाेटलाें की सूची तैयार की जा रही है, जहां लगन में वैवाहिक कार्यक्रमाें का आयाेजन किया जाता है।
निगम ने ऐसे हाेटलाें काे झारखंड शहरी क्षेत्र धर्मशाला, विवाह भवन, बैंक्वेट हाॅल, लाॅज एवं हाॅस्टल नियमावली के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सालाना तयशुदा लाइसेंस शुल्क की वसूली की जाएगी। इससे होटलों संचालकों ने अतिरिक्त आर्थिक बोझ की भरपाई के लिए होटलों की बुकिंग चार्ज बढ़ाने पर विचार शुरू कर दिया है।
बगैर रजिस्ट्रेशन विवाह भवनों व कला भवन में हो रहीं शादियां
निगम की नजर जिला परिषद के सभी विवाह भवन के साथ कला भवन पर भी है। जिला परिषद के एक भी विवाह भवन का अभी तक निगम में न ताे रजिस्ट्रेशन कराया गया है और न ही लाइसेंस लिया गया है। सभी विवाह भवन का संचालन बगैर लाइसेंस का ही किया जा रहा है। विवाह भवन की तरह ही कला भवन का संचालन भी बिना रजिस्ट्रेशन का ही हाे रहा है। विवाह भवनों के साथ कला भवन काे लाइसेंस के के लिए निगम अब नाेटिस भेजेगा।
जानिए... किसका कितना लाइसेंस शुल्क
भवन बिल्डप एरिया लाइसेंस शुल्क
हाेटल 5000 वर्गफीट 1000
हाेटल 5001 वर्गफीट 15000
धर्मशाला 5000 वर्गफीट 1000
धर्मशाला 5001 वर्गफीट 15000
विवाह भवन 5000 वर्गफीट 10000
विवाह भवन 5001 वर्गफीट 15000
लाॅज, हाॅस्टल 20 से 50 बेड 2000, 1500
इससे आमजनाें पर ही बाेझ बढ़ेगा। काेई भी हाेटल संचालक अपने घर से सालभर का शुल्क नहीं देगा।'' -विनय कुमार सिंह, सचिव, धनबाद हाेटल-रेस्टाेरेंट एसो.
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