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डाउनलोड करेंहिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी पेयजल योजनाओं में फिल्टर और UV जैसी अत्याधुनिक तकनीक जरूरी करने के निर्देश दिए हैं। CM ने अपने गृह विधानसभा हलके नादौन में डायरिया फैलने के बाद जल शक्ति विभाग को पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने को कहा।
CM ने कहा कि सभी पेयजल योजनाओं में जल की गुणवत्ता संबंधी मानकों की कड़ाई से अनुपालन होनी चाहिए। जब किसी परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाई जाती है तो उसी वक्त गुणवत्ता संबंधी मानकों को ध्यान रखा जाना चाहिए, क्योंकि दूषित पेयजल की आपूर्ति से जल जनित रोगों के फैलने की आशंका बनी रहती है।
अभी भी बिना फिल्टर बैड के कई परियोजनाएं
बता दें कि प्रदेश में अभी भी कई पेयजल योजनाएं बिना फिल्टर बैड के चल रही हैं। ऐसी परियोजनाओं से पानी बिना फिल्टर किए सीधे लोगों के घरों में नलों के माध्यम से सप्लाई किया जाता है। इससे हर वक्त बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है।
शिमला में भी करीब 35 लोगों की गई थी जान
दूषित पेयजल पीने से समय-समय पर लोग बीमार पड़ते हैं। ठीक नादौन की तरह कुछ साल पहले शिमला में दूषित पेयजल की सप्लाई ने करीब 35 लोगों की जान ली थी और 25 हजार से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए थे। फिर भी जल शक्ति विभाग ने सबक नहीं लिया। हालांकि तब हाईकोर्ट ने भी विभाग को जबरदस्त फटकार लगाई थी।
प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से भी बीच-बीच में इस तरह की बीमारी की सूचनाएं मिलती रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने जल शक्ति विभाग को अलर्ट रहने और पहले ही पेयजल योजनाओं में तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि जनता की जान से खिलवाड़ न हो।
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