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डाउनलोड करेंहिमाचल प्रदेश में अब रोडवेज बसों की छत पर न यात्री बैठेंगे और न ही सामान लादा जा सकेगा। केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे के आदेश के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) अपनी सभी बसों पर लगे कैरियर हटाएगा। HRTC काे मिलने वाली नई 205 बसों में भी कैरियर नहीं लगेगा। ऐसी 7 नई बसें हिमाचल रोडवेज के नालागढ़ डिपो पर पहुंच गई हैं।
दूसरी ओर इस नई व्यवस्था से लोग नुकसान होने की बात कह रहे हैं। दरअसल पहाड़ी राज्य हिमाचल में लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट का एकमात्र जरिया रोडवेज है और लोग सुबह-शाम अपना सारा सामान बसों की छतों पर बने कैरियर पर ही लादकर लाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
शिमला जिला की बात करें तो यहां पर अधिकतर दूरदराज के क्षेत्र हैं, जिनके निवासी गांव से शहर में अपनी सब्जियां और दूध बेचने के लिए लाने को बसों का प्रयोग करते हैं। बस के अंदर जगह न होने के चलते, छत पर बने कैरियर पर दूध और सब्जियां रखी जाती हैं, ताकि वह आसानी से बाजार तक पहुंच जाते हैं। अब लोगों को सामान लाने और ले जाने में दिक्कत होगी, जबकि इसका एक फायदा यह होगा कि छत पर बैठने की वजह से होने वाले हादसे अब नहीं होंगे।
प्राइवेट बसों में कैरियर, सरकारी में क्यों नहीं
HRTC कर्मचारी समन्वय समिति के सचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि जाे प्राइवेट बसें आ रही हैं, उसमें ताे कैरियर होते हैं, जबकि HRTC के लिए यह नियम हैं। प्रबंधन काे इस बारे में अपनी बात रखनी चाहिए, क्योंकि यात्रियों काे सामान रखने के लिए कैरियर की जरूरत होती है।
केंद्र सरकार के आदेश
HRTC के डिविजनल मैनेजर देवासेन नेगी का कहना है कि केंद्र सरकार की रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के आदेश है कि किसी भी पैसेंजर बस की छत में कैरियर नहीं हाे सकता है। ऐसे में अब जाे भी बसें आएंगी, वह बिना कैरियर की हाेंगी। इन नई बसों काे हम लॉन्ग रूट पर चलाएंगे।
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