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विचार:प्रदेश में 90 फीसदी पर्यटक बाहरी राज्यों से आते हैं ऐसे में जब तक अंतरराज्यीय सीमा पर्यटन क्षेत्र के लिए नहीं खोली जाती है, उस समय तक प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को खोलना तर्क संगत नहीं

धर्मशाला3 वर्ष पहले
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होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश में 90 फीसदी पर्यटक बाहरी राज्यों से आते हैं ऐसे में जब तक अंतरराज्यीय सीमा पर्यटन क्षेत्र के लिए नहीं खोली जाती है, उस समय तक प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को खोलना तर्क संगत नहीं है। - Money Bhaskar
होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश में 90 फीसदी पर्यटक बाहरी राज्यों से आते हैं ऐसे में जब तक अंतरराज्यीय सीमा पर्यटन क्षेत्र के लिए नहीं खोली जाती है, उस समय तक प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को खोलना तर्क संगत नहीं है।
  • पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लॉन्ग टर्म प्रोटोकॉल और योजना बनाने के साथ नियुक्त करनी होगी पीआर एजेंसी
  • हर हिमाचली की जिम्मेदारी है कि वे अतिथि देवो भव: की अवधारणा को धारण करें
  • पर्यटक आंदोलन, स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित प्रोटोकॉल को दूर-दूर तक करना होगा प्रसारित

हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करना है तो सरकार को कोविड-19 के लिए लॉन्ग टर्म प्रोटोकॉल व योजना बनाने की पहल करनी होगी। इसके अलावा पर्यटक आंदोलन, स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित प्रोटोकॉल को दूर-दूर तक प्रसारित करें ताकि पूरे भारत में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों को हिमाचल आने का भरोसा मिले। मुश्किल की इस घड़ी में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को पीआर एजेंसी नियुक्त करनी चाहिए।

हर हिमाचली की जिम्मेदारी है कि वो अतिथि देवो भव: की अवधारणा को धारण करें। यह सुझाव फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश ने सचिव पर्यटन विभाग को भेजे हैं। होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश में 90 फीसदी पर्यटक बाहरी राज्यों से आते हैं ऐसे में जब तक अंतरराज्यीय सीमा पर्यटन क्षेत्र के लिए नहीं खोली जाती है, उस समय तक प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को खोलना तर्क संगत नहीं है।

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश के प्रदेश सह संयोजक संजीव गांधी ने कहा कि प्रदेश में हवाई और रेल की सुविधा लगभग नगण्य है। कुल्लू के लिए केवल एक उड़ान है, धर्मशाला के लिए 3 उड़ानें और शिमला के लिए एक उड़ान जो अनियमित है। प्रदेश में 95% से अधिक आगमन सड़क मार्ग से होता है। हिमाचल में सड़कें ज्यादातर पहाड़ों से होकर गुजरती हैं।

सड़कें अच्छी स्थिति में नहीं हैं, प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माणाधीन हैं और इन सबसे पर्यटकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सड़क, रेल और हवाई अड्डे का विस्तार  करने और कनेक्टिविटी में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता है। हिमाचल में महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और दुनिया भर के पर्यटक आते हैं। कोरोना महामारी के चलते यह सभी राज्य प्रभावित हैं तो ऐसे कौन से पर्यटक हिमाचल आएंगे या कैसे जाएंगे। ऐसे में पर्यटन क्षेत्र में सभी होटल खोलने से क्या लाभ मिलेगा।

होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन स्मार्ट सिटी धर्मशाला के वाइस प्रेजिडेंट राहुल धीमान ने बताया कि हिमाचल में होटलों का प्रमुख राजस्व अप्रैल से जून तक अर्जित किया जाता है, जो समय निकल गया है। एक होटल द्वारा एक वर्ष में 70% राजस्व इसी सीजन में अर्जित किया जाता है। अब होटल खोलने की समझदारी नहीं है क्योंकि अब केवल खर्चा ही है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल/ एसओपी पर विचार करने के बाद, खर्चों में ही वृद्धि और इकाई की व्यवहार्यता घट जाएगी।

एसोसिएशन के सचिव हरीश गाबा ने बताया कि हिमाचल के साथ लगते पर्यटन राज्य उत्तराखंड ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 75 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया है जिसे हिमाचल में अनदेखा कर दिया है। इसी तर्ज पर  प्रदेश सरकार को भी राहत की घोषणा करनी चाहिए। पर्यटन क्षेत्र में उत्तराखंड की तुलना में हिमाचल में जीडीपी 2.60% अधिक है।

महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में पार्किंग सुविधा के साथ विशेष स्वास्थ्य केंद्रों की प्राथमिक आधार पर स्थापना करना। प्रदेश में पर्यटन गतिविधि को बढ़ाने के लिए पर्यटन नियामक प्राधिकरण (टीआरए) का गठन  करना शामिल हैं।एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पुरषोतम नैहरिया ने कहा कि सभी होटल सरकारी प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए तैयार हैं। लेकिन थर्मल गन जैसी प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक सभी आइटम, मास्क, दस्ताने, फॉगिंग उपकरण और रसायन आदि होटलों को रियायती दर पर उपलब्ध करवाए जाएं।