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डाउनलोड करेंहिमाचल में पिछले कई वर्षों से निजी क्षेत्र मे स्कूल प्रबंधकों की मनमानी पर लगाम लगाने की तैयारी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कर ली है। निजी स्कूल संचालकों की मनमानी को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का बयान सामने आया है जहां उन्होंने सुंदरनगर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा आगामी रिव्यु मीटिंग के एजेंडे मे शामिल किया गया है, जिसमें निजी स्कूलों से संबंधित प्रारूप तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाया जाएगा।
प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीटयूशन (रेगुलेशन) एक्ट 1977 में संशोधन की मांग
वे सुंदरनगर मे कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम मे भाग लेने पहुंचे थे। गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से प्रदेश भर मे पेरेंट्स संगठन दि हिमाचल प्रदेश प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीटयूशन (रेगुलेशन) एक्ट 1977 में संशोधन की मांग कर रहे है, ताकि अभिभावकों को स्कूल प्रबंधकों की मनमानी से राहत मिल सके। कोरोना काल के दो वर्षों मे भी अधिकतर निजी स्कूल खासकर बड़े नामी स्कूल जो कि चैरिटेबल ट्रस्ट व संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे है उनके द्वारा भी एक फूटी कौड़ी की राहत अभिभावकों की नही दी गई।
हालांकि उस समय के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा भी घोषणा की गई थी, लेकिन एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन की प्रकिया की बार बार मांग फिर भी ठंडे बस्ते में पड़ी रही। निजी स्कूलों के संदर्भ में कोई ठोस कानून व नियम न होने के चलते लगातार सरकारें व अभिभावक इनकी मनमानी पर बेबस नजर आ रही है।
मनमानी पर रोक लगाने को सख्त कानून बनाया जाए
वहीं पेरेंट्स एसोसिएशन सेंट मैरी (रजिस्ट्रड) के प्रधान अश्वनी सैनी ने सरकार व शिक्षा मंत्री के स्वय संज्ञान का स्वागत करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र मे भी शिक्षा को आमजन की आसान पहुंच मे लाया जाए और स्कूल प्रबंधकों की मनमानी पर रोक लगाने को सख्त कानून बनाया जाए।
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