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देव पशाकोट शिवरात्रि पर्व के लिए रवाना:11 फरवरी को उरला में नए मंदिर की प्रतिष्ठा में करेंगे शिरकत; 19 को महोत्सव की जलेब में होंगे शामिल

पधर2 महीने पहले
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बीड़ के चौगान से अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि पर्व के लिए रवाना होते आराध्य देव पशाकोट के साथ नाटी नाचने का लुत्फ लेते ग्रामीण

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की चौहारघाटी में पहाड़ी बजीर नाम से विख्यात आराध्य देव पशाकोट अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महापर्व के लिए रवाना हो गए हैं। देव पशाकोट ने चौहारघाटी, जोगेंद्रनगर, चौंतड़ा, बीड़ और चौगान का हार भ्रमण पूरा करने के बाद बुधवार को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महापर्व के लिए अपना पड़ाव शुरू किया।

उल्लेखनीय है कि मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महापर्व 19 फरवरी से शुरू हो रहा है। बीड़ के चौगान से शुरू किए गए इस पड़ाव में लगभग 20 दिन के बाद आराध्य देव पशाकोट चौहारघाटी के बड़ा देव हुरंग काली नारायण के साथ मंडी पहुंचेंगे। बुधवार को देव पशाकोट टिकरी मुशैहरा में रात्रि विश्राम करेंगे। गुरुवार को गांव का भ्रमण करने के बाद रात्रि विश्राम बजगर में होगा।

मंदिर में देवता का 5 दिन ठहराव होगा
देवता जोगेंद्रनगर होते हुए आगे के पड़ाव पर निकलेंगे। 11 फरवरी को उरला के करालड़ी स्थित लगभग 80 लाख की लागत से काष्ठकुणी शैली में नवनिर्मित मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करेंगे। लगभग 5 दिन तक देवता का ठहराव यहीं मंदिर में होगा। जहां से देवता आगे के पड़ाव के लिए रवाना होकर मंडी कूच करेंगे।

उधर, चौहरघाटी के बड़ा देव हुरंग काली नारायण भी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि पर्व को लेकर अपने मूल मंदिर से रवाना हो चुके हैं। ऐसे में देवी देवता के वाद्य यंत्रों की सुरीली ध्वनि से क्षेत्र का माहौल भक्ति में बना हुआ है। सभी देवता अपने लाव लश्कर सहित गांव-गांव में प्रवेश कर ग्रामीणों को सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद दे रहे हैं।

आराध्य देव पशाकोट के बड़ा गुर राकेश कुमार, छोटा गुर बुद्धि सिंह और माता नौणी के गुर देवी सिंह सहित बड़ा दुमच ओम प्रकाश, अच्छर सिंह सहित अन्य कारदार देवता के साथ अंतरराष्ट्रीय पर्व के लिए रवाना हो रहे हैं।