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मंडी की चौहारघाटी पर्यटकों से गुलजार:झटिंगरी-बरोट में बर्फ से अठखेलियां कर रहे सैलानी, परासर पहुंचने के लिए करना होगा इंतजार

पधर2 महीने पहले
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हिमाचल में मौसम साफ होते ही पर्यटक मंडी जिले की चौहारघाटी का रुख कर बर्फ से अठखेलियों कर रहे हैं। चौहारघाटी के मुख्य राजमार्ग घटासनी-बरोट में यातायात सामान्य रूप से बहाल हो चुका है। जबकि पराशर घाटी पहुंचने के लिए बागी-पराशर सड़क अभी यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाई है। ऐसे में देशी-विदेशी पर्यटक सीधा झटिंगरी-बरोट का रुख कर रहे हैं।

पर्यटकों के लिए बरोट रमणीक स्थल
वहीं फुलाधार की हसीन वादियों का लुत्फ लेने के लिए पर्यटक झटिंगरी से पैदल फुलाधार पहुंच रहे हैं। चौहार घाटी में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ते ही होम स्टे और होटल कारोबारियों के चेहरों पर रौनक छा गई है। जिले की चौहारघाटी के झटिंगरी, बरोट, घोघरधार और पराशर घाटी पर्यटकों के लिए बेहद रमणीय स्थल हैं। बरोट उहल नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव है।

जहां पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड द्वारा 110 मेगावाट की शानन विद्युत परियोजना का जल भंडारण बांध और रिजरवायर है। उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों के पर्यटक यहां घूमने पहुंचते हैं।

बरोट की ट्राउट फिश की दिल्ली-बांबे तक डिमांड
बरोट में मत्स्य विभाग का हेचरी फार्म भी है। यहां की ट्राउट फिश की डिमांड दिल्ली मुंबई सहित देश भर के नामी रेस्तरां में होती है। पर्यटक यहां पहुंचकर ट्राउट फिश का भी खासा लुत्फ लेते हैं। बरोट वैली में ट्रेकिंग, कैंपिंग और फिशिंग के जरिए यहां के स्थानीय युवा स्वरोजगार भी चला रहे हैं।

बरोट घाटी जाने का सबसे अच्छा समय
बरोट घाटी का मौसम काफी मध्यम होता है। यानी न तो गर्मियों में बहुत गर्म और न ही सर्दियों में बहुत ठंडा। औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के करीब रहता है। बरोट घाटी में मानसून को छोड़कर साल के किसी भी समय जाया जा सकता है, क्योंकि आसपास के घने जंगलों के कारण इस क्षेत्र में भारी वर्षा होती है। इसलिए मानसून में यात्रा जोखिम भरी बनी रहती है।

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