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डाउनलोड करेंहिमाचल के मंडी जिले में अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसके तहत हर रोज बाबा भूतनाथ का रोज घृतमंडल श्रृंगार किया जाता है। इसी कड़ी में आज बाबा भूतनाथ का केरल के वैकोम महादेव के रूप में श्रृंगार किया गया। 18 फरवरी तक बाबा रोज अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे।
बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती के अनुसार, केरल के महादेव का मंदिर उन मंदिरों में से एक है, जिसमें शैव और वैष्णव दोनों श्रद्धा रखते हैं। वैकोम के शिव मंदिर को वैकयप्पन भी कहा जाता है। यहां के शिवलिंग को त्रेता युग से माना जाता है और यह केरल के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
आज भी प्राचीन विधि से की जाती पूजा
यहां पूजा की प्राचीन विधि को बदला नहीं गया है। मान्यता है कि केरल के राजा माल्यवन ने शैव विद्या उपदेश प्राप्त करने पर मोक्ष की प्राप्ति के लिए घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनके द्वारा मांगें गए सभी वरदानों को प्रदान किया। यह मंदिर में अन्नदान की परंपरा के लिए भी जाना जाता है।
इसकी खासियत यह है कि इस मंदिर में हर दिन भूखे लोगों को भर पेट भोजन कराया जाता है। मंदिर के आस पास कोई भूखा न रहे, इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। यही वजह है कि मंदिर के मेन गेट को बंद करने से पहले मंदिर के सेवादार इसके चारों गेट पर खड़े होकर आवाज लगा कर पूछते हैं कि कोई भूखा तो नहीं रह गया है।
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