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डाउनलोड करेंहिमाचल के जिला चंबा की जनजातीय पांगी घाटी के लोगों को विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय से संबंधित कार्यों को अंजाम देने के लिए 450 किलोमीटर की दूरी तय करके जिला कांगड़ा के धर्मशाला का रुख करना पड़ता है। ऐसे में पांगी घाटी के लोगों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है।
पांगी घाटी को धर्मशाला मुख्य अभियंता से अलग करके मुख्य अभियंता मंडी कार्यालय के साथ जोड़ा जाए। पांगी फर्स्ट, पंगवाल फर्स्ट संस्था के अध्यक्ष इंद्रप्रकाश की अगुवाई में आवासीय आयुक्त पांगी अजय यादव के माध्यम से सौंपे प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को भेजे मांग पत्र के माध्यम से यह बात कही गई है। इस प्रतिनिधि मंडल में संस्था के उपाध्यक्ष कृष्ण राणा, कोषाध्यक्ष टेकराम शर्मा व सदस्य राम सिंह ठाकुर शामिल रहे।
समस्या को लेकर CM सुक्खू को भेजा ज्ञापन
संस्था के अध्यक्ष इंद्रप्रकाश ने बताया कि यूं तो पांगी घाटी के लिए सबसे कम दूरी वाला धर्मशाला कार्यालय है लेकिन वाया चंबा पांगी का सड़क संपर्क वर्ष में महज 3 से 4 माह तक ही रहता है। ऐसे में पांगी घाटी के लोगों को जम्मू या फिर लाहौल-स्पीति होकर धर्मशाला जाना पड़ता है। जम्मू से इस कार्यालय की दूरी 450 किलोमीटर तो लाहौल-स्पीति से 350 किलोमीटर की दूरी है। ऐसे में अगर पांगी को मंडी के मुख्य अभियंता कार्यालय के साथ जोड़ा जाता है, तो यह दूरी कम रह जाएगी।
संस्था ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया है कि पांगी घाटी के लोगों को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए माहलु पावर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का कार्य शुरू करवाए ताकि घाटी को बिजली संकट से राहत मिले।
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