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डाउनलोड करेंड्रेन नंबर छह का अधूरा पड़ा निर्माण कार्य जानलेवा भी साबित हो रहा है। अब अधूरे पड़े कार्य का खामियाजा एक परिवार को भुगतना पड़ा है। मार्ग से परिवार संग गुजर रहा एक बच्चा ड्रेन में गिर गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। वह बच्चा अपनी चार बहनों में भाई था। बच्चा अपनी बहन के साथ ड्रेन के पास से काॅलोनी के मुख्य रास्ते से गुजर रहा था। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गिर गया। उसकी बहन चिल्लाने लगी तो पास से गुजर रहे कुशेसर ने पानी में छलांग लगा दी। काफी मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया, उसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
15 फीट गहरा था गड्ढा: बिहार के दरभंगा जिले के गांव रोहामराजी के रहने वाले नंदूलाल मुखिया अपने पांच साल के बेटे पवन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ डेढ़ महीने पहले देवड़ू रोड की शिव काॅलोनी में रहने आए थे। नंदूलाल और उनकी पत्नी पार्वती भवन निर्माण में कामगार के तौर पर कार्य करते हैं। बताया गया है कि वे खरखौदा में एक साइट पर काम पर गए थे। पीछे से उनका बेटा पवन अपनी सात साल की बहन प्रियंका के साथ खेलने के लिए बाहर निकल गया। इसी दौरान दोनों ड्रेन के पास स्थित कच्चे रास्ते से गुजर रहे थे। वहां खुदाई कर डाली गई मिट्टी से गुजरते वक्त पैर फिसलने से पवन गिर गया।
2017 का प्रोजेक्ट 2022 में भी अधूरा पड़ा है
शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर अमृत योजना के तहत 2016 में ड्रेन संख्या-6 को मैच बॉक्स आकार में कवर करने की रूपरेखा तैयार की थी। योजना के तहत 4.9 किलोमीटर लंबी ड्रेन-6 को कवर करने के निर्माण के लिए नगर निगम ने एमएस गर्ग एजेंसी को 88 करोड़ की लागत से 27 सितम्बर 2017 को कार्य अलॉट कर दिया था, सही तरीके से मार्च 2018 में काम शुरू हो सका। लेकिन इसके बाद भी एजेंसी बाद में अपनी शर्तों पर खरा नहीं उतर सकी। इसके चलते निगम ने 8 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाकर एजेंसी से काम वापस लिया। नगर निगम ने दोबारा से टेंडर दिया। बता दें कि पहला टेंडर 87 करोड़ तो दूसरा टेंडर 92 करोड़ में अगस्त में हुआ।
एजेंसी से होगा जवाब तलब, जेई मौके का करेगा निरीक्षण
हादसा होना निराशाजनक है, इस मामले में संबंधित एजेंसी से जवाब मांगा जाएगा। इसके अतिरिक्त जेई की ड्यूटी लगाई जा रही है जो मौके का निरीक्षण कर व्यवस्था की जांच करेगा। यह मुख्य रूप से यह देखा जाएगा कि बेरीकेडिंग को लेकर क्या सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अगर इसमें एजेंसी की कोई लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी। -अशोक रावत, एसई नगर निगम, सोनीपत।
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