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डाउनलोड करेंहरियाणा के रोहतक जिले में स्थित रोहतक PGI के डॉक्टरों की सर्दियों की छुटि्टयों का रोस्टर तैयार हो गया है। पहले रोस्टर के मुताबिक 1 से 24 दिसंबर तक 150 डॉक्टर छुट्टी पर जाएंगे। दूसरे रोस्टर के मुताबिक 28 दिसंबर से 20 जनवरी तक दूसरे बैच के डॉक्टर छुट्टी पर जाएंगे। दूसरी ओर पीजी डॉक्टर्स की हड़ताल का भी डर सता रहा है। ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को परेशानी आ सकती है।
ऑल इंडिया लेवल पर पीजी डॉक्टर्स की हड़ताल की बात कही जा रही है, लेकिन पीजीआई में हड़ताल को लेकर क्या स्थिति रहेगी, यह दो दिन में स्पष्ट होगी। फिलहाल ओपीडी में काम नहीं करने की बात कही गई है, चूंकि डॉक्टर्स सर्दियों की छुट्टी पर जाएंगे और उनका सबसे बड़ा सहारा पीजी डॉक्टर हड़ताल पर गए तो मुसीबत खड़ी हो सकती है। बता दें कि पीजीआई में अस्पताल प्रशासन सहित 42 विभाग हैं। इनमें करीब 316 फैकल्टी सदस्य हैं।
दो साल बाद मिलीं छुटि्टयां
दो साल से इंतजार कर रहे पीजीआई के डॉक्टर्स को आखिरकार छुट्टी मिल ही गई। 25 दिसंबर को राजकीय अवकाश और 26 को रविवार है। 27 दिसंबर को कॉमन डे रहेगा और सभी डॉक्टर ड्यूटी पर होंगे। 28 दिसंबर से 20 जनवरी तक दूसरे बैच के डॉक्टर छुट्टी पर जाएंगे। पीजीआई निदेशक की ओर से रोस्टर जारी कर दिया गया है। डॉक्टर्स को यह भी बताना होगा कि सर्दियों की छुट्टी में किस जगह जा रहे हैं। बाकायदा अपनी छुट्टी का पता और मोबाइल नंबर भी देना होगा।
सभी विभाग के प्रमुख सुनिश्चित करेंगे कि छुट्टी पर जाने वाले डॉक्टर्स ने जगह का पता दिया है या नहीं। वहीं आकस्मिक अवकाश को सर्दियों के अवकाश के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। पीजीआई ओपीडी में हर रोज 6 से 7 हजार मरीज आते हैं। पहले ही डॉक्टरों पर काफी दबाव होता है। इमरजेंसी में भी 1 हजार से ज्यादा केस हर रोज आते हैं। इन सभी को सीनियर डॉक्टर और पीजी मिलकर संभालते हैं।
गर्मियों में वापस बुला लिए
2021 में भी ऐसा ही हुआ। कोविड से थोड़ी राहत मिली तो डॉक्टर्स के लिए कुल 10 दिनों की छुट्टी मंजूर की गई। दो बैच में डॉक्टर छुट्टी पर जाने थे। एक बैच अपनी छुट्टी पूरी कर वापस आ गया तो दूसरा बैच छुट्टी पर चला गया। लेकिन अचानक कोविड मरीजों की संख्या बढ़ गई। इसका असर ये रहा कि दूसरे बैच के डॉक्टर्स को छट्टी पर जाने के अगले ही दिन वापस बुला लिया गया। मार्च 2020 में कोविड की पहली लहर ने तेजी पकड़ी तो डॉक्टर्स को गर्मियों में मिलने वाली जून-जुलाई की छुट्टी रद्द कर दी गई थी।
डॉक्टर बिना छुट्टी लिए कोरोना से जंग लड़ते रहे। मरीज कम नहीं हुए तो सर्दियों की छुट्टी पर रद कर दी गई। यानी 2020 में छुट्टी मिली ही नहीं। चूंकि कुल 316 में से 150 डॉक्टर छुट्टी पर जा रहे हैं तो अन्य डॉक्टर पर काम का दबाव रहेगा। 1 दिसंबर से लेकर 20 जनवरी तक यानी डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक डॉक्टर्स की कमी बनी रहेगी। हालांकि हर साल इसी नियम से डॉक्टर छुट्टी पर जाते हैं, लेकिन मरीजों को परेशानी नहीं होने देते।
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