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रेवाड़ी नगर परिषद रिश्वतकांड:आरोपी ME सोहन लाल और SDO नंदलाल को मिली जमानत; 11 नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी

रेवाड़ी7 महीने पहले
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हरियाणा के रेवाड़ी जिले में नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) जारी करने की ऐवज में 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले नगर परिषद के ME सोहन लाल व उनके पिता जनस्वास्थ्य विभाग के SDO नंदलाल को कोर्ट से जमानत मिल गई है। दोनों को 11 नवंबर को गुरुग्राम विजिलेंस ने रेवाड़ी से पकड़ा था, जिसके बाद से दोनों जेल में थे। सोहन लाल अटेली नगर पालिका में और उसके पिता नंदलाल बावल स्थित जनस्वास्थ्य विभाग में तैनात थे।

रेवाड़ी निवासी जगदीश उर्फ जग्गी से 2 लाख रुपए NDC के बदले बतौर रिश्वत मांगे गए थे। 29 मार्च 2022 को गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरो ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव, ME सोहन और उनके पिता पब्लिक हेल्थ के SDO नंदलाल के खिलाफ 5 नंबर FIR दर्ज की। विजिलेंस ने रेवाड़ी पहुंचकर रिकॉर्ड भी खंगाला। 7 माह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। उसके बाद 11 नवंबर को विजिलेंस ने दोनों को गिरफ्तार किया।

EO अभय सिंह यादव हो चुके सस्पेंड
2 माह पहले सरकार ने इसी मामले में EO अभय सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया था। सोहन लाल व उसके पिता नंदलाल लगातार ड्यूटी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि नंदलाल दिसंबर माह में सेवानिवृत्त होने वाले थे। गिरफ्तारी की तलवार अब EO अभय सिंह यादव पर भी लटकी हुई है।

यह था पूरा मामला

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो गुरुग्राम को शिकायत करने वाले रेवाड़ी शहर के कालका रोड स्थित विकास नगर निवासी जगदीश ने बताया कि उनके चाचा रविन्द्र ने अपने बेटे के नाम लिए प्लॉट की ट्रांसफर परमिशन (TP) के लिए दिसंबर 2021 में आवेदन करना था। इसके लिए नगर परिषद से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) की जरूरत थी तो उन्होंने नगर परिषद के बाहर स्थित CSC सेंटर से ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन कई दिनों तक उनके पास NDC से संबंधित कोई मैसेज नहीं आया।

इसके बाद ऑनलाइन अप्लाई करने वाले व्यक्ति ने 20 हजार रुपए की डिमांड करते हुए काम कराने की बात की तो उसने 10 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए, लेकिन काम नहीं होने पर पैसे वापस मिल गए। नगर परिषद के पटवारी से मिलने पर उसने भी 5 हजार मांगे तो उसे 1 हजार रुपए दे दिए। कुछ दिन बाद जब रजिस्टर देखा तो फाइल JE और उसके बाद ME, सचिव और EO के पास जा चुकी थी, लेकिन काम नहीं हुआ तो वह EO अभे सिंह से मिले। EO ने कुछ आपत्तियां लगाते हुए फाइल रिजेक्ट कर दी।

2 लाख रुपए मांगे गए
शिकायतकर्ता जगदीश ने बताया कि उन्होंने प्रॉपर्टी ID चैक की तो उसमें 1 हजार वर्ग गज प्लॉट की ID मिली, जबकि उनके 2 प्लॉट का कुल साइज 1 हजार 44 वर्ग गज था। 24 जनवरी 2022 को प्रॉपर्टी ID में रिकॉर्ड दुरुस्त कराने के लिए फाइल लगाई गई। 5 फरवरी को उसे रिजेक्ट कर दिया गया। इसी तरह 4 बार और लगाई गई फाइल भी रिजेक्ट हो गई। जगदीश की मानें तो ME सोहन ने 2 लाख रुपए में काम हो जाने की बात कहते हुए घर बुलाया था।

जब वे ME के घर पहुंचे तो वहां पर उनके पिता पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के SDO नंदलाल मिले। नंदलाल को 2 लाख रुपए में डील हो जाने की बात बताई। नंदलाल ने फोन पर ME सोहन से बात की और जगदीश का काम करने की बात कही। साथ ही बताया कि 2 लाख रुपए में ME, JE, XEN, EO, BI सभी आ गए हैं। नंदलाल से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग विजिलेंस ब्यूरो को दी गई। विजिलेंस ने EO अभे सिंह, ME सोहन, उसके पिता SDO नंदलाल के खिलाफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7ए के तहत केस दर्ज किया है।

छुट्‌टी के दिन दे दी NDC
शिकायतकर्ता जगदीश की मानें तो 21 मार्च को जिस दिन शिकायत दी, उसी दिन विजिलेंस कार्रवाई के लिए रेवाड़ी पहुंची थी, लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों को पहले ही रिकॉर्डिंग भेजे जाने की भनक लग गई थी, जिससे विजिलेंस की कार्रवाई कामयाब नहीं हो सकी। इस बीच 23 मार्च को शहीदी दिवस की छुट्‌टी के दिन उन्हें NDC भी दे दी गई। हालांकि इससे पहले समझौते के लिए नगर परिषद के अधिकारियों ने अपने बिचौलिए के जरिए उनसे संपर्क किया। मामले को दबाने की भरसक कोशिश की गई, मगर वे नहीं माने। 29 मार्च को गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरों ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की।