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डाउनलोड करेंहरियाणा में सिंथेटिक नशे के बढ़ते चलन के बाद सरकार सजग हो गई है। अब राज्य में एडिक्ट बनाने वाली दवाओं की निगरानी सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार की मंजूरी के बाद सोनीपत जिले से साथी ऐप की शुरुआत की गई। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई है।
साइकोट्रोपिक दवाओं की होगी एंट्री
साइकोट्रोपिक दवाओं की खुदरा, थोक और स्टॉकिंग के लिए प्रत्येक लाइसेंस धारक को ऐप में ऑनलाइन एंट्री करनी होगी। एंट्री के बगैर कोई भी दवा रखने पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत सरकार कार्रवाई करेगी। इस मामले में NCB ने NDPS एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज करेगा।
एडिक्ट दवाओं का बढ़ रहा चलन
आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में एडिक्ट दवाओं का चलन बढ़ रहा है। इस वर्ष नशीली दवाओं के कुल 3350 केस सामने आए हैं। इनमें हैरानी की बात यह है कि 4% मामले साइकोट्रोपिक दवाओं से जुड़े हुए हैं। हालांकि पिछले साल साइकोट्रोपिक दवाओं के 5 फीसदी मामले सामने आए थे।
पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी
सोनीपत जिले में यदि साथी ऐप का ट्रॉयल सफल रहा तो हरियाणा सरकार इसे पूरे राज्य में लागू करेगी। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी ऐप को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि इससे एडिक्ट दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने में काफी मदद मिलेगी।
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