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डाउनलोड करेंहरियाणा के करनाल में 87 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे दिव्यांग और पुलिस जवान सोमवार सुबह आमने सामने हो गए। लघु सचिवालय से सीएम आवास का घेराव करने जा रहे दिव्यांगों और उनके समर्थन में आए लोगों के साथ पुलिस की भिड़ंत हो गई। पुलिस ने लघु सचिवालय के बाहर रोका तो प्रदर्शनकारी भड़क गए। धक्का-मुक्की के बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया। बाद में पुलिस ने सभी को छोड़ दिया।
इस बीच प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रतिनिधि संजय बठला दिव्यांगों से बातचीत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने मांगों पर विचार करने के लिए 1 हफ्ते का समय मांगा। अब देखना यह होगा कि सरकार दिव्यांगों की मांगों मानती है या नहीं।
दिव्यांग चरण सिंह ने कहा कि सरकार बहुत ही निर्दय हो चुकी है। जब तक सरकार दिव्यांग एक्ट लागू नहीं करेगी तब तक हमें कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मागें पूरी नहीं करती तब तक वह ऐसे ही अपनी हक के लिए आंदोलन करते रहेंगे।
पुलिस ने की बदसलूकी: दिव्यांग
दिव्यांगों ने कहा कि सरकार अपने अड़ियल रवैया पर अड़ी हुई है। उनकी मांग जायज है, लेकिन फिर भी सरकार मानने को तैयार नहीं है। आज काफी संख्या में स्थानीय लोग उनके समर्थन में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे। जहां पर पुलिस ने उनके उनके साथ बदसलूकी की।
दिव्यांगों की मांगें
धरने पर बैठे दिव्यांग प्रवीण कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ में वर्ष-2016 और वर्ष-2018 में मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं और प्रदेश सरकार भी मांगों को जायज मान चुकी है। मांगों में मुख्य रूप से बीपीएल राशन कार्ड बनाने, 100-100 गज के प्लाट, डीसी रेट के तहत नौकरी, दिव्यांग पेंशन प्रमुख हैं। विकलांग अधिकार अधिनियम-2016 को नियम बनाकर पूर्ण रूप से लागू करवाना मुख्य उद्देश्य है। दिव्यांगों को रोजगार के अलावा बिजली-पानी मुफ्त दिया जाए।
सिविल लाइन थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि लघु सचिवालय के बाहर दिव्यांग धरना प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन को उग्र होते देख पुलिस ने बैरिकेड्स लगा कर रास्ते को रोका था। इस दौरान कुछ लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
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