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डाउनलोड करेंजिले में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर बैन रहेगा। थोक व रिटेल विक्रेता असमंजस में हैं क्याेंकि जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रतिदिन 20 से 25 लाख रुपए का कारोबार होता है। ॉ यही नहीं प्रतिदिन 10 टन के लगभग प्लास्टिक कचरा निकलता है। सबसे ज्यादा पॉलीथिन और प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग होता है।
लोगों को जागरूक करने के लिए सोमवार सुबह जिला प्रशासन की तरफ से कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। इसमें शहर के व्यापारियों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि एक जुलाई से लगने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर उन्हें जागरूक किया जा सके। क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक का अधिकतर प्रयोग दुकानदारों द्वारा सामान बेचने के लिए किया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा पॉलीथिन की खपत होती है। थोड़े से लेकर बड़े सामान के लिए पॉलीथिन का प्रयोग किया जाता है। घरों में भी कचरे में सबसे ज्यादा पॉलीथिन ही नजर आता है। ऐसे में अब एक जुलाई से इसका प्रयोग बंद होगा। इसके लिए उपायुक्त कार्यालय की तरफ से सभी विभागों के अध्यक्षों को पत्र लिखकर सिंगल यूज प्लास्टिक एक जुलाई से बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद को निर्देश दिए गए हैं कि सोमवार सुबह 6 बजे रानी तालाब पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर आसपास सफाई व्यवस्था का प्रबंध कराया जाए।
नगर परिषद और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की रहेगी जिम्मेदारी
सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन कराने में नगर परिषद और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की अहम जिम्मेदारी रहेगी। इनके द्वारा चालान करने के साथ-साथ प्रतिदिन की जाने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। सिंगल यूज प्लास्टिक कहां-कहां ज्यादा प्रयोग होता है, उन साइट्स की पहचान भी करनी होगी और निरीक्षण कर कार्रवाई की जिम्मेदारी भी इन्हीं अधिकारियों पर रहेगी। ये होंगे टास्क फोर्स में : जिला स्तर पर डीसी टास्क फोर्स के चेयरमैन होंगे। शहरी स्तर पर नगर परिषद आयुक्त टास्क फोर्स के चेयरमैन होंगे। इसके अलावा नगर परिषद के सचिव, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ और नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी भी टास्क फोर्स में शामिल रहेंगे।
जानिए-इसपर रहेगा बैन, इसको मिलेगी छूट
प्लास्टिक के प्लेट्स, कप, ग्लास, छुरी कांटा, ईयर बड्स स्टिक, गुब्बारे की स्टिक, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, डेकोरेशन में प्रयोग होने वाला थर्माकोल, आमंत्रण पत्र, 100 माइक्रॉन से कम प्लास्टिक इनका किया जा सकता है प्रयोग : कॉटन बैग, बैंबो, दोबारा प्रयोग होने वाले बर्तन, कम्पोस्टेबल प्लास्टिक, बैंबो ईयर बड्स, स्टील स्टिरर एंड स्ट्रॉ अादि।
सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने और बनाने पर जुर्माना किया जाएगा। सोमवार सुबह से लोगों को जागरूक एक जुलाई तक लोगों को जागरूक किया जाएगा। सुशील कुमार, ईओ, नगर परिषद, जींद।
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