पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंशहर के लेक गार्डन की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। नतीजतन लेक गार्डन के विकास पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं जो बर्बाद हो जाते हैं। सालों से लेक की स्थिति नरकीय बनी हुई है, लेकिन महानगर पालिका ने कोई सबक नहीं लिया है। किसी लेक में तो पानी की बूंद तक नहीं है। वहीं दिस लेक में पानी है उसमें समय से सफाई न होने से वनस्पतियां उग आई हैं। शहर में बरसों पहले लेक व्यू, उगत बॉटनिकल, सुभाष गार्डन, अलथाण गार्डन और कतारगाम के डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी समेत लेक गार्डन में बोटिंग की सुविधा थी।
मनपा का कहना है कि लेक में पानी टिकता नहीं है। लेकिन कई महीनों से लेक में पानी रखने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए है। जिससे वर्तमान में शहर के एकमात्र डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी लेक गार्डन में नौका विहार खुला है। मानसून के दौरान लेक प्राकृतिक रूप से भर जाती हैं। यानी लेक में पानी सिर्फ मानसून के लिए दिखाई देता है। इसके अलावा पानी नहीं रहता है। और जिन लेक गार्डन में पानी है वहां सुविधाएं नहीं हैं।
सुभाष लेक गार्डन : पानी है लेकिन बोटिंग की सुविधा नहीं
सुभाष लेक गार्डन को हाल ही में 2 करोड़ रुपये की लागत से रि-डेवलप किया गया है। लेक में बोटिंग का बुनियादी ढांचा तो स्थापित किया गया है लेकिन नौका विहार की सुविधा शुरू नहीं हुई है। उद्यान विभाग का कहना है कि बोटिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
भीमराड लेक गार्डन
भीमराड लेक गार्डन में केवल मानसून के दौरान ही पानी भरता है। पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन लेक का तल दिखाई दे रहा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.