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स्वागत विहार:कॉलोनी में जिन लोगों को मकान या जमीन पर कब्जा अब तक नहीं मिला उन्हें भी वापस दिलाएंगे

रायपुरएक वर्ष पहले
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जिनको सरकारी जमीन बेची गई, उन्हें बिल्डर का प्लाॅट - Money Bhaskar
जिनको सरकारी जमीन बेची गई, उन्हें बिल्डर का प्लाॅट

न्यू स्वागत विहार डूंडा में जमीन और मकान खरीदने वाले लोगों को करीब 14 साल बाद बड़ी राहत मिलने वाली है। बिल्डर ने जिन लोगों को सरकारी जमीन बेची थी, अब उस जमीन के बदले उन्हें बिल्डर की खाली जमीन अलॉट की जाएगी। इसके साथ ही जिन लोगों को अभी तक जमीन या मकान नहीं मिला है, उन सबको भी अलॉटमेंट की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।

राज्य सरकार ने इसके लिए एक अधिकृत आदेश जारी किया है। इसमें रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ चंद्रकांत वर्मा को नोडल अफसर बनाया गया है। उनसे कहा गया है कि वे जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दे। इस रिपोर्ट में ही बताया जाएगा कि किन लोगों को अभी तक जमीन और मकान नहीं मिले हैं और उन्हें कैसे जमीन, फ्लैट या बंगला वापस मिलेगा।

आवास एवं पर्यावरण विभाग के उपसचिव सी. तिर्की की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि न्यू स्वागत विहार में शुरुआती गड़बड़ियों की वजह से कई लोगों को अभी तक उनकी प्रॉपर्टी नहीं मिल पाई है। इस वजह से इस मामले में फिर से जांच करने की जरूरत है। जिन लोगों को उनकी प्रॉपर्टी नहीं मिली है उन्हें वापस कराया जाएगा।

न्यू स्वागत विहार डूंडा में 2007-08 में प्लॉट, बंगला और फ्लैट की बिक्री का काम शुरू किया गया था। उस समय बिल्डर संजय बाजपेयी ने लोगों को प्रॉपर्टी की बिक्री की थी। लेकिन कुछ साल बाद ही यह पता चला कि न्यू स्वागत विहार में एकड़ों में सरकारी जमीन को भी शामिल कर लिया गया है।

लोगों को शासकीय जमीन तक बेच दी गई। इसके बाद ही इस मामले की जांच के लिए आला अफसरों की टीम बनाई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलोनाइजर का लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही सभी ले-आउट भी निरस्त कर दिए गए थे। बाद में यह मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था। इस मामले में कुछ अफसरों को बर्खास्त भी किया गया था। कई अफसर जांच के दायरे में आने के बावजूद बाद में क्लीन चिट पा गए थे।

  • राज्य सरकार ने आरडीए के सीईओ को बनाया नोडल अफसर, वे पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द जमा करेंगे
  • 14 साल बाद खुली स्वागत विहार की फाइल, जिन्हें बेची थी सरकारी जमीन अब उनके लिए राहत

बरसों से भटक रहे लोग, कई रिटायर, कई की मौत
स्वागत विहार में जमीन और मकान खरीदने वाले लोग बरसों से अपनी ही जमीन पर कब्जा पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। इनमें से कई नौकरी में थे जो अब रिटायर हो चुके हैं। कुछ ने रिटायर होने के बाद अपनी जमा पूंजी से वहां प्रॉपर्टी खरीदी थी।

इनमें से कुछ की मौत भी हो गई। इन सभी लोगों के पास प्रॉपर्टी के दस्तावेज तो हैं, लेकिन जमीन पर कब्जा नहीं है। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अब तक यही नहीं पता कि उनकी जमीन कहां है। इस मामले में पीड़ितों ने अलग-अलग दो संगठन भी बनाए थे। बाद में इन संगठनों में भी फूट पड़ गई। राज्य सरकार के इस नए आदेश के बाद ऐसे सभी लोगों को राहत मिली है। अफसरों का दावा है कि इस बार सभी की जमीन और मकान उन्हें हैंडओवर कर दिए जाएंगे।

2000 से ज्यादा लोग प्रभावित
न्यू स्वागत विहार में जमीन, मकान, फ्लैट खरीदने वाले करीब 2000 लोगों को अभी भी अपनी संपत्ति पर कब्जा नहीं मिला है। यह ऐसे लोग हैं जो अभी बैंकों में ईएमआई अदा कर रहे हैं, लेकिन प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर पाए हैं। उन्हें यह भी नहीं पता चला कि बिल्डर ने उन्हें किस जगह किस खसरा नंबर की जमीन अलॉट किया है। सरकार की नई कवायद के बाद अब इन सभी लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

125 याचिका लगी थी हाईकोर्ट में
न्यू स्वागत विहार में बिल्डर संजय बाजपेयी ने करीब 25 एकड़ सरकारी जमीन लोगों को बेच दी थी। इस जमीन को करीब 2900 लोगों ने खरीदा था। इस मामले में प्रभावित लोगों ने 125 से ज्यादा याचिकाएं हाई कोर्ट में लगाई थी। हाई कोर्ट ने 2017 में आदेश जारी किया था कि सभी प्रभावितों को उनकी संपत्ति वापस होनी चाहिए।

हाई कोर्ट के निर्देश पर 8 लेआउट फिर से तैयार किए गए थे, जिसमें सैकड़ों लोगों को राहत मिली थी। लेकिन जिन लोगों ने सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कराई थी उन्हें अब तक बिल्डर की जमीन नहीं मिल पाई थी। अब इन सभी को आपसी समझौते के तहत जमीन मिलने की उम्मीद है।

नई जांच रिपोर्ट इन बिंदुओं में तैयार होगी

  • बिल्डर और प्रॉपर्टी खरीदने वालों के बीच बैठक कर जो परेशानी आ रही है उन्हें दूर करने क्या किया जाए।
  • जो जमीन अभी तक नहीं बिकी है उसे वास्तविक मालिकों तक पहुंचाने के लिए नक्शा तैयार किया जाए।
  • कितने लोगों को अभी तक जमीन-मकान नहीं मिले हैं उनकी पूरी लिस्ट तैयार की जाएगी, दस्तावेजों के साथ।
  • स्वागत विहार की सरकारी जमीन कलेक्टर को वापस की जाएंगी। इस जमीन को प्रशासन अधिग्रहण करेगी।
  • जिन लोगों को सरकारी जमीन बेची गई है, उन्हें बिल्डर की जमीन से उसी कीमत पर प्लाॅट-मकान दिया जाएगा।
  • जमीन की लोकेशन को लेकर बिल्डर और खरीदारों के बीच समझौता कराने का काम प्रशासन के अफसर करेंगे।
  • स्वागत विहार का ले-आउट तैयार होगा। इसे निगम, टाउन एंड कंट्री-प्रशासन बनाएगा।